1. (सोचिए और अमीर बनिए) Think and Grow Rich
Think and Grow Rich review HINDI यदि कोई व्यक्ति किसी कार्य को करने की ठान ले तो वह उसे कर सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि वह व्यक्ति उस कार्य के प्रति कितना उत्सुक है। यहां हम सबसे महत्वपूर्ण उदाहरण के जरिए समझने की कोशिश करते हैं. हम ऐसे रास्ते पर चल रहे हैं जहां आगे बढ़ते-बढ़ते वापसी का रास्ता बंद होता जा रहा है, वहां हमारे पास एक ही विकल्प होगा और वह है आगे बढ़ना, अगर हम पीछे जाएंगे तो हमें नुकसान हो सकता है। थिंक एंड ग्रो रिच के लेखक नेपोलियन हिल कहते हैं- जिज्ञासा और कठिन निर्णय व्यक्ति को सफल बनाते हैं।
इस आर्टिकल में आप थिंक एंड रिच ग्रो बुक रिव्यू के बारे में जानने वाले हैं। इस लेख में हम पूरी किताब की कुछ महत्वपूर्ण जानकारी और कुछ महत्वपूर्ण सिद्धांतों के बारे में जानेंगे। आज यह किताब हमारे लिए लाइफ चेंजिंग साबित हो सकती है।
THE BLOG INCLUDE
(सोचिए और अमीर बनिए) Think and Grow Rich
3. (आस्था) इच्छा की प्राप्ति में विश्वास और उसका प्रत्यक्षीकरण-
4. (आत्म सुझाव) प्रभावित करने के माध्यम अवचेतन मन-
5. (व्यक्तिगत अनुभव या अवलोकन) सभी उपलब्धियां का प्रारंभिक बिंदु-
7. (संगठित नियोजन) इच्छा की कार्रवाई में क्रिस्टलीकरण
8. (निर्णय) टालमटोल की आदत पर महारत
9. दृढ़ता (हठ) आस्था प्रेरित करने के लिए निरंतर प्रयास करना
10. मास्टरमाइंड की प्रेरक शक्ति
12. मस्तिष्क, विचारों का एक प्रसारण और प्राप्ति केंद्र
2. (इच्छा) सोच की तागत-
इस लेख “अमीर बनने की ओर पहला कदम” पर आने वाला प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में महान ऊंचाइयों को प्राप्त करने की शक्ति रखता है। “इंसान की सोच हकीकत में बदलने की क्षमता रखती है” बस उस सोच के प्रति दृढ़ निश्चय और लक्ष्य की ओर काम करने की जरूरत है।
अपने पीछे हटने का कोई संभव तरीका नहीं छोड़ना चाहिए
इससे जीतने या फिर नष्ट हो जाने की गारंटी रहती है।
To join our YouTube channel | click now |
To join our personal Instagram | click now |
To get the information first | click now |
3. (आस्था) इच्छा की प्राप्ति में विश्वास और उसका प्रत्यक्षीकरण-
“अमीर बनने की ओर दूसरा कदम” चाहत को हासिल करने के लिए हम जो भी काम कर रहे हैं उसमें आस्था और विश्वास का होना बहुत जरूरी है। जब तक आप किसी भी काम को करने में अपना मन और विश्वास नहीं लगाएंगे, वह काम सफलता से कोसों दूर रहेगा। कोई भी काम तभी तक करने का मन करता है जब तक उसमें विश्वास हो। इससे सफल होने की संभावना बढ़ जाती है.
4. (आत्म सुझाव) प्रभावित करने के माध्यम अवचेतन मन-
“अमीर बनने की ओर तीसरा कदम” आत्म-सुझाव दुनिया की एकमात्र ऐसी प्रणाली है जिसकी मदद से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। व्यक्ति में आत्म सुझाव की शक्ति होती है। वह व्यक्ति असफलता के डर से कभी पीछे नहीं हटता, वह अपनी मंजिल की ओर बढ़ता रहता है और एक दिन सफल होकर लोगों को दिखाता है।
5. (व्यक्तिगत अनुभव या अवलोकन) सभी उपलब्धियां का प्रारंभिक बिंदु-
व्यक्तिगत अनुभव इंसान को इतना मजबूत बना देता है कि उसकी कोई सटीक कीमत नहीं होती। जब इंसान किसी काम को करने की ठान लेता है तो उसके सामने दुनिया की हर समस्या छोटी पड़ जाती है। ऐसा कहा जाता है कि ठोस विचारों का कोई निश्चित मूल्य नहीं होता।
6. मन की कार्यशाला (कल्पना)
कल्पना एक अवधारणा है जिसकी सहायता से किसी भी क्षेत्र को विचारों के माध्यम से आकार दिया जाता है। इसकी शक्ति इतनी है कि आप कल्पना भी नहीं कर सकते, किसी भी चीज़ को हासिल करने और पूरा करने के लिए कल्पना सबसे पहला महत्वपूर्ण आधार है।
कल्पना मुख्य दो प्रकार के होते हैं
- सिंथेटिक कल्पना
- रचनात्मक कल्पना
7. (संगठित नियोजन) इच्छा की कार्रवाई में क्रिस्टलीकरण
यह अध्याय हमें सिखाता है कि किसी भी कार्य को शुरू करने के लिए एक सुव्यवस्थित योजना बनाना बहुत जरूरी है। यदि कोई भी कार्य योजना के अनुसार किया जाए तो सफलता की संभावना बढ़ जाती है। कई लोगों की योजनाएँ विफल हो जाती हैं, इसलिए हमें तब तक हार नहीं माननी चाहिए और नई योजनाएँ बनाने से पीछे नहीं हटना चाहिए जब तक कि हमारी बनाई गई कोई योजना सफल न हो जाए।
इच्छाशक्ति को कार्य रूप में परिणित करने का स्पष्ट शब्दों में अर्थ यह है कि किसी संगठित योजना को अपनी इच्छाशक्ति एवं कल्पना द्वारा सशक्त आकार देना ही संगठित योजना कहलाता है।
8. (निर्णय) टालमटोल की आदत पर महारत
कुछ लोगों के लिए काम टालने की आदत पर काबू पाना एक मुश्किल काम हो सकता है। टालने की आदत एक ऐसी आदत है जिससे कोई भी अपना कीमती समय आसानी से बर्बाद कर सकता है। इसमें महारत हासिल करने के लिए मजबूत इरादे और दिनचर्या की जरूरत होती है।
इसका पालन हर स्थिति में हो, जब किसी कार्य को करने के लिए एक समय निर्धारित हो तो उसमें उसी कार्य को उसी समय में समाप्त करने की क्षमता होनी चाहिए। इस आदत में महारत हासिल करने के लिए कुछ समय तक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। धीरे-धीरे आप काम टालने की आदत पर काबू पाने लगेंगे।
9. दृढ़ता (हठ) आस्था प्रेरित करने के लिए निरंतर प्रयास करना
सफलता का रहस्य विश्वास जगाने के लिए निरंतर प्रयास करना है। इसके लिए सबसे पहले इच्छा शक्ति को मजबूत करना होगा।
इच्छा शक्ति कमज़ोर होने के मुख्य कारण–
- किसी भी कार्य को करने के लिए तैयार होने के बजाय उसे करने की इच्छा व्यक्त करना
- समस्याओं को हल करने के लिए कोई विशिष्ट योजना बनाने के बजाय अन्यत्र मौजूद चीज़ों पर भरोसा करने की आदत डालना।
- अपनी गलतियों के लिए दूसरों को दोष देना अपनी असफलता को छुपाना है।
- विशिष्ट ज्ञान प्राप्त करने में रुचि की कमी
10. मास्टरमाइंड की प्रेरक शक्ति
किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास ही पर्याप्त नहीं है, इसके लिए एक मास्टरमाइंड की प्रेरक शक्ति का उपयोग करने की आवश्यकता है। किसी भी क्षेत्र में तेज गति से आगे बढ़ना सफलता का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसे नकारा नहीं जा सकता।
थिंक एंड ग्रो रिच के लेखक नेपोलियन हिल कहते हैं–
कोई भी व्यक्ति धन की इच्छा कर सकता है और अधिकांश लोग करते हैं, लेकिन केवल कुछ ही लोग जानते हैं कि एक निश्चित योजना के साथ केवल एक मजबूत इच्छा ही धन कमाने का एकमात्र विश्वसनीय साधन है।
इसे भी पढ़े-
101-Copycat Marketing 101 Book review in Hindi
The Parable of the Pipeline Book review
11. अवचेतन मन संयोजी सूत्र
अवचेतन मन दिन-रात काम करता है। इंसान में विचार एक ऐसी चीज़ है जो कुछ हद तक उसके भविष्य को दर्शाती है। इंसान अपने अंदर जिस तरह के विचार और भावनाएं रखता है वैसा ही बन जाता है।
सात प्रमुख नकारात्मक भावना-
- डर
- ईर्ष्या
- घृणा
- बदला
- लालच
- अंधविश्वास
- क्रोध
सात प्रमुख सकारात्मक भावनाएं-
- इच्छा
- आस्था
- प्यार
- सेक्स
- उत्साह
- रोमांस
- आशा
12. मस्तिष्क, विचारों का एक प्रसारण और प्राप्ति केंद्र
मस्तिष्क विचारों का संचरण केंद्र है, जैसे रेडियो एक संचरण बिंदु है। इस बात का उल्लेख हिंदू धर्म के सबसे प्राचीन ग्रंथ श्रीमद्भागवत गीता में किया गया है। मन और उसके विचारों पर नियंत्रण रखना चाहिए। विचारों पर नियंत्रण रखकर उन्हें नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे इंसान जो काम करता है, वह दिमाग करने लगता है।
13. छठी इंद्रिय, बुद्धिमानी के मंदिर का दरवाजा
पोलियन हिल का कहना है कि मनुष्य की पांच इंद्रियों के बाद छठी इंद्रिय अवचेतन मन का वह हिस्सा है जिसे रचनात्मक कल्पना कहा जाता है। इन इंद्रियों के माध्यम से बुद्धि का प्रयोग करके आप अपनी सफलता के कदम चूम सकते हैं। अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण रखने के लिए योग और ध्यान करना जरूरी है। यह वह बिंदु माना जाता है जिस पर मानव मन सार्वभौमिक मन से संपर्क करता है।
14. भय के छः भूतों को चतुराई से कैसे मात दें
र्तमान समय में इंसान किसी न किसी बात से डरकर जी रहा है। वह अपने जीवन को सफल नहीं बना रहा है और न ही जीवन का आनंद ले रहा है।
इंसान अपने रास्ते के छः भूतों को हटा ले तो वह उसी वक्त सफल बन जाता है.
- गरीबों का डर
- आलोचना का डर
- खराब सेहत का डर
- प्यार के खोने का
- बुढ़ापे का डर
- मृत्यु का डर
थिंक एंड ग्रो रिच के लेखक नेपोलियन हिल के उपरोक्त लेख में सभी सुर्खियों पर चर्चा की गई थी। मुझे आशा है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। यदि इस लेख से संबंधित आपका कोई प्रश्न या सुझाव है तो कृपया टिप्पणी करें। धन्यवाद।