
Success story of Bihari boy: किसी भी सफलता से ज्यादा महत्वपूर्ण उसके पीछे का सच होता है क्योंकि इतिहास वहीं से लिखा जाता है। भारतीय उद्योग जगत के शीर्ष पर बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्होंने इस मुकाम पर पहुंचने के लिए कई तरह की बाधाओं को पार किया है और उनकी सफलता की कहानी आने वाली नई नस्लों के लिए प्रेरणास्रोत बन गई है। ऐसा ही एक नाम है Vedanta Resources Limited के चेयरमैन अनिल अग्रवाल का जिनकी सफलता के रास्ते में संघर्ष और असफलता के रूप में कई बाधाएं आईं। लेकिन उन्होंने घुटने नहीं टेके और आज़ वो 1.5 लाख करोड़ रूपए की कंपनी के सर्वेसर्वा हैं। उनकी सफलता की कहानी इतनी रोचक और प्रेरक रही कि अभी कुछ ही समय पूर्व उन्हें इंग्लैंड की Cambridge University ने अपने यहां बिजनेस स्टूडेंटस को संबोधित करने के लिए निमंत्रित किया था।
आज के आलेख में हम आपके लिए इस उद्योग जगत के नायक की संघर्ष और सफलता की कहानी का क्रमवार खुलासा करेंगे। साथ ही यह भी बताएंगे कि कैसे वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड विश्व पटल पर अपनी पहचान बनाने में सफल रही।
THE BLOG INCLUDE
सफलता के मुकाम तक पहुंचने के लिए बिहार से मुंबई तक का संहर्ष से भरा सफ़र:
9 बार मिली असफलता से भी हार नहीं मानी:
स्टरलाइट इंडस्ट्रीज के रूप में हुई सफलता की शुरुआत:
वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड, विश्व पटल पर चर्चित:
विशेष:
सफलता के मुकाम तक पहुंचने के लिए बिहार से मुंबई तक का संहर्ष से भरा सफ़र:
पटना के एक मारवाड़ी परिवार में जन्में अनिल अग्रवाल एक महत्वाकांक्षी युवा थे। उनका शुरू से ही यही सपना था कि वो अपने बल पर एक बहुत बड़ा उद्योग खड़ा करें। अपने इसी सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने अपने पिता का व्यवसाय छोड़ दिया और 19 वर्ष की उम्र में अपनी मंजिल की तलाश के लिए मुंबई आ गए। घर छोड़ते समय उनके पास ना ही पर्याप्त पैसा था और ना ही कोई अन्य संसाधन। श्री अग्रवाल के अनुसार अपने साथ बस वो अपना टिफिन लेकर आए थे। मुंबई आकर उन्होंने कई तरह की कठिनाइयों का सामना किया । यहां उन्होंने कबाड़ के धंधे से अपने व्यवसाय की शुरुआत की। संयोग से इस धंधे में उन्हें अच्छा खासा लाभ हुआ।
9 बार मिली असफलता से भी हार नहीं मानी:
इस दौरान श्री अग्रवाल ने कई व्यवसायों में हाथ आजमाया पर सफल न हो सके। इस कारण से उनके जीवन में मानसिक तनाव और अवसाद का भी दौर रहा। लेकिन उन्होंने इस संहर्ष को सफलता का सोपान मानते हुए हार नहीं स्वीकार की।
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स्टरलाइट इंडस्ट्रीज के रूप में हुई सफलता की शुरुआत:
अनिल अग्रवाल के निरंतर प्रयास के परिणामस्वरूप वो अवसर आया जब 1980 में उन्होंने Sterlite Industries को खरीद लिया व 1990 में कॉपर Refining का काम शुरू कर दिया। दरअसल ये वो दौर था जब भारत सरकार ने प्राइवेट सेक्टर को टेलीफोन केबल बनाने की मंजूरी दे दी थी। कॉपर रिफाइनिंग का व्यवसाय श्री अग्रवाल के व्यवसायिक जीवन का टर्निंग प्वाइंट था और इसके बाद उनकी सफलता का सफर निरंतर जारी है।
वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड, विश्व पटल पर चर्चित:
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आज की डेट में Vedanta Resources Limited के उत्पाद दुनिया भर में बेचे जाते हैं। ये कंपनी मिनिरल्स ऑयल और गैस का निष्कर्षण व प्रसंस्करण करती है। कंपनी के लिए लगभग 64000 कर्मचारी और contractor काम करते हैं।
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विशेष:
कहना न होगा कि आज वेदांता की सफलता का परचम अनिल अग्रवाल की दृढ़ इच्छाशक्ति व बाधाओं से हार न मानने का परिणाम है और उनकी सफलता की कहानी Success story of Bihari boy हर उभरते व्यवसायी के लिए अनुसरणीय व प्रेरक है।