जब हम नौकरी की बात करते हैं तो हमारे ज़ेहन में सरकारी व प्राइवेट नौकरी का कांसेप्ट रहता है। लेकिन नौकरी का एक कांसेप्ट और भी है जिसे Semi Government Job कहते हैं। अमूमन इसका तात्पर्य ये होता है कि जो निजी संस्था सरकार द्वारा संचालित होती है , ऐसी सेवाओं या संस्थानों में काम करना Semi Government Job कहलाता है। आज के आलेख में हम आपको क्रमवार बताएंगे कि सेमी गवर्नमेंट का क्या मतलब होता है, अर्ध सरकारी नौकरी क्या है, अर्ध-सरकारी नौकरी के क्या लाभ हैं, अर्ध-सरकारी कंपनियों की विशेषताएं तथा भारत में अर्ध-सरकारी कौन सी कंपनियां हैं।
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सेमी गवर्नमेंट का मतलब क्या होता है?
Semi Government Job के क्या लाभ हैं?
Semi Government का मतलब क्या होता है?
यदि हम बात करें कि सेमी गवर्नमेंट का मतलब क्या होता है तो इसका एक सामान्य अर्थ ये होता है कि ऐसी संस्थाएं या सेवा वर्ग जिनकी सार्वजनिक व निजी दोनों क्षेत्रों में सामान रुप से हिस्सेदारी है, सेमी गवर्नमेंट के अंतर्गत मानी जाती हैं। इस तरह के क्षेत्रों में सरकार अपनी नौकरशाही को निजी संस्थानों में संचालन के रूप में नियुक्त करती है। अतः अधिकतर अर्ध-सरकारी निकायों में 51% हिस्सेदारी सरकार की होती है। अर्ध-सरकारी क्षेत्रों में सरकारी सहभागिता और संचालन से उस संस्थान की विश्वसनीयता बढ़ जाती है।
अर्ध-सरकारी नौकरी क्या है?
अब प्रश्न उठता है कि अर्ध-सरकारी नौकरी क्या है तो ऊपर के विश्लेषण में ये स्पष्ट गया है कि सरकारी नौकरशाही के तत्वों को निजी संस्थानों में जोड़कर एक संयुक्त संस्थान के रूप में कार्य करना अर्ध-सरकारी क्षेत्र कहलाता है। अतः ऐसे संस्थान जिनमें सार्वजनिक और निजी दोनों प्रकार की भागीदारी हो, अर्ध-सरकारी सेवाओं के अंतर्गत आते हैं। इस तरह के संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारी अर्ध- सरकारी नौकरी वाले कहलाते हैं।
Semi Government Job के क्या लाभ हैं?
जहां तक अर्ध-सरकारी नौकरी के लाभ की बात करें तो सरकारी व निजी दोनों तरह की भागीदारी होने से सरकारी संचालन व सुरक्षा तथा निजी प्रबंधन की स्वतंत्रता होती है। इसे एक अर्ध-सरकारी स्कूल के उदाहरण से समझा जा सकता है। ऐसे स्कूलों में मैनेजमेंट अमूमन निजी स्वामित्व के अंतर्गत होता है जिसका प्रबंधन स्कूल के टीचर्स तथा प्रशासक देखते हैं। लेकिन प्रबंधन को सरकारी नियमों का पालन करना होता है जिसके अंतर्गत सरकार द्वारा निर्देशित पाठ्यक्रम व परीक्षा प्रणाली शामिल हैं। पर वहीं यदि स्कूल पर किसी तरह का आर्थिक संकट या अन्य कोई समस्या आती है तो सरकार उस स्कूल को आर्थिक मदद के साथ ही अन्य तरह की सहायता कर सुरक्षा प्रदान करती है।
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अर्ध-सरकारी कंपनियों की विशेषताएं:
India में Semi Government कंपनियां सरकारी व निजी दोनों ही स्वामित्व के तहत समान रूप से काम करती हैं जिन्हें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) या सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम के रूप में जाना जाता है। निजी स्वामित्व के बावजूद सरकार निदेशक मंडल में अपने प्रतिनिधि नियुक्त करके कंपनी की गतिविधियों पर नियंत्रण रखती है। अमूमन सार्वजनिक कंपनियां सार्वजनिक हित वाले क्षेत्रों के लिए काम करती हैं जैसे परिवहन, ऊर्जा, बुनियादी ढांचा तथा वित्त आदि। अर्ध-सरकारी कंपनियां सरकारी नीतियों व दिशा-निर्देशों के अंतर्गत काम करती हैं जिनका उद्देश्य समाजिक कल्याण, आर्थिक विकास व राष्ट्रीय सुरक्षा को लक्ष्य बनाकर काम करना है। इस तरह की कंपनियों को सरकार समय समय पर सब्सिडी के रूप में आर्थिक सहायता प्रदान करती रहती है।
भारत में Semi Government कौन सी कंपनियां हैं?
भारत में मुख्य रूप से Semi Government कंपनियों में भारतीय रेलवे, तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ONGC), भारतीय जीवन बीमा निगम ((LIC), भारतीय स्टेट बैंक (SBI), भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) तथा राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (NTPC) आदि हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में इन कंपनियों की महत्वपूर्ण भूमिका व योगदान है तथा ये सामाजिक हित के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु निरंतर अग्रसर हैं।