जीवन बीमा की तरह ही वाहनों का भी इंश्योरेंस होता है जिसे मोटर बीमा कहते हैं। वाहनों का बीमा करने वाले एजेंट मोटर बीमा एजेंट कहलाते हैं। ये एजेंट बीमा कंपनी व ग्राहक के बीच बिचौलिए का काम करते हैं। मोटर बीमा एजेंट भी जीवन बीमा एजेंट की तरह ग्राहकों को विशेषज्ञ सलाह देते हैं । इस प्रकार ग्राहक अपनी प्रथमिकता व उपयोगिता के अनुसार अपने वाहन का बीमा करवाना तय करता है।
जीवन बीमा एजेंट की भांति ही मोटर बीमा एजेंट को भी संबंधित बीमा कंपनी से निर्धारित कमीशन मिलता है। आजकल व्हीकल उपभोक्ताओं की दिनों-दिन बढ़ती संख्या के अनुपात में ही मोटर बीमा की डिमांड भी बढ़ती जा रही है, इसी कारण मोटर बीमा एजेंट इसके जरिए अच्छी कमाई कर रहे हैं। आज के आलेख में हम आपको मोटर बीमा एजेंट की भूमिका, उनको मिलने वाले लाभ व मोटर बीमा एजेंट बनने की प्रक्रिया से संबंधित जानकारी से क्रमवार अवगत कराएंगे। यदि आप भी मोटर बीमा एजेंट बनने की सोच रहे हैं तो हमारे आलेख को अंत तक पढ़ना आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होगा।
Motor insurance Agent kaise bane? ये है प्रक्रिया:
मोटर बीमा एजेंट बनने के लिए उम्र 18 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल अथवा उसके समकक्ष पर्याप्त है। इसके साथ लाइसेंसिग की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद 50 घंटे की ट्रेनिंग लेना अनिवार्य होता है। इस परीक्षा में बीमा नियमों व नैतिक आचरण से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। IRADAI द्वारा ली जाने वाली परीक्षा व 50 घंटे की ट्रेनिंग के बाद लाइसेंस प्रदान करने के पूर्व आपराधिक पृष्ठभूमि संबंधी जानकारी व फिंगरप्रिंट परीक्षण किया जा सकता है। इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने के बाद आप संबंधित राज्य के बीमा विभाग से मोटर बीमा लाइसेंस के लिए अपना आवेदन कर सकते हैं।
लाइसेंस मिलने के बाद आप किसी भी बीमा कंपनी या एजेंसी में एजेंट के तौर पर अपना काम शुरू कर सकते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कुछ एजेंट पॉइंट ऑफ सेल्स पर्सन (POSP) की तरह अपना स्वतंत्र काम करते हैं। POSP के लिए भी हाईस्कूल की योग्यता अनिवार्य है। साथ ही इन्हें 15 घंटे का प्रशिक्षण लेना होता है।
Motor insurance Agent का क्या काम होता है?
एक विशेषज्ञ के रूप में ग्राहकों का मार्गदर्शन करते हैं
मोटर बीमा एजेंट ग्राहक को उसकी जरूरत और प्रथमिकता के हिसाब से बीमा पॉलिसी लेने की सलाह देते हैं। इसके अंतर्गत कार, मोटरसाइकिल और अन्य कई प्रकार के व्यावसायिक वाहनों के लिए उपयुक्त पॉलिसियों के चयन की सलाह देते हैं।
संबंधित कंपनी की पॉलिसी को कुशलतापूर्वक बेचना:
मोटर बीमा एजेंट की कुशलता ग्राहक और बीमा कंपनी के बीच उच्च कोटि की मध्यस्थता करना है जिसके परिणामस्वरूप वो ज्यादा से ज्यादा पॉलिसियां बेचकर बीमा कंपनी को तो लाभ पहुंचाता ही है, स्वयं की भी बहुत अच्छी कमाई कमीशन के रूप में कर लेता है।
ग्राहक को पूरा सहयोग देना:
मोटर बीमा एजेंट अपने क्लाइंट का हर तरह से सहयोग करते हैं। पॉलिसी बेचने के बाद भी वो अपने क्लाइंट के सम्पर्क में रहते हैं और पॉलिसी के रिनुअल,क्लेम व किसी बदलाव से संबंधित कार्य की ज़िम्मेदारी को बखूबी निभाते हैं।
जोखिमों का आकलन करने के विशेषज्ञ:
मोटर बीमा एजेंट वाहन से संबंधित हर तरह के जोखिम का आकलन कर लेते हैं। ये ग्राहक के वाहन के मॉडल, वाहन चालक की आयु व ड्राइविंग रिकार्ड की विश्लेषणात्मक जानकारी प्रदान करके भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम का निर्धारण करवाते हैं।
बीमा उद्योग में होने वाले किसी भी तरह के परिवर्तनों से सरोकार रखना:
मोटर बीमा एजेंट बीमा कंपनी में होने वाले परिवर्तन व नई नीतियों के साथ हमेशा टच में बने रहते हैं जिससे वो अपने ग्राहक को बेहतर सुविधा प्रदान करने में सक्षम होते हैं तथा प्रासंगिक नियमों से उन्हें अवगत कराते रहते हैं।
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निष्कर्ष:
आपने देखा Motor insurance Agent kaise bane? की कार्य व भूमिका बीमा कंपनी व ग्राहक के बीच महत्वपूर्ण सेतु का काम करती है। इस प्रकार एक सामान्य प्रक्रिया से गुजरकर आप सफल मोटर बीमा एजेंट बन सकते हैं तथा अपनी कार्यकुशलता व अनुभव से कमाई का ग्राफ निरंतर बढ़ा सकते हैं।