जाने माने अडानी समूह के अध्यक्ष GAUTAM ADANI KA BUSINESS IDEA जयपुर में इंडिया जिम एंड ज्वेलरी अवार्ड के 91वें संस्करण में संबोधन के दौरान लोगों से कई तरह की बातें की और इसी संबोधन में उन्होंने अपने जीवन से जुड़ी एक प्रेरक कहानी सबके साथ साझा की जिसमें उन्होंने कहा कि उनकी यह कहानी उनके मन में एक बहुत ही खास जगह रखती है क्योंकि इसी कहानी ने नींव रखी थी कि वह जीवन में क्या करना चाहते हैं एवं क्या बनना चाहते हैं।
उन्होंने बताया कि मेरी एंटरप्रेन्योर बनने की यात्रा में हीरे का व्यापार एक शुरुआती बिंदु के रूप में सामने आया था। अडानी की यह कहानी उन युवाओं के लिए आज के समय में एक उदाहरण है जो अपने जीवन में कुछ बड़ा करना चाहते हैं। आज के आलेख में हम अडानी द्वारा साझा की गई कुछ विशेष बातों का उल्लेख करेंगे।

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शुरूआती समय:
अपने पंखों पर भरोसा करना होगा:
शुरूआती समय:
संबोधन के दौरान गौतम अडानी ने कहा कि “साल 1978 में 16 साल की उम्र में मैंने अपना स्कूल छोड़ दिया था। अहमदाबाद में अपना घर छोड़ दिया और मुंबई के लिए वन वे टिकट ली, मुझे नहीं पता था कि मैं क्या करूंगा लेकिन इस बात को लेकर स्पष्ट था कि मैं एक उद्यमी बनना चाहता हूं और मेरा मानना था कि मुंबई अवसरों का शहर है, जो मुझे यह मौका देगा” आगे अपनी बातें बताते हुए गौतम अडानी ने बताया कि “मुझे पहला अवसर महेंद्र ब्रदर्स में मिला था जहां पर मैंने हीरे की छंटाई का काम सीखा था। आज भी मुझे अपनी सबसे पहली हुई डील की खुशी याद है, यह एक जापानी खरीददार के साथ लेनदेन था और मुझे इसके लिए ₹10000 का कमीशन मिला था।” गौतम अडानी ने कहा कि उसी दिन उस यात्रा की शुरुआत हो गई थी जिसने एक उद्यमी के रूप में मेरे जीवन और मेरे व्यक्तित्व को बदल दिया था।
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अपने पंखों पर भरोसा करना होगा:
संबोधन में गौतम अडानी ने कहा कि जब मैंने बहुत कम उम्र में कुछ करने की ठान ली थी तब मैंने सीखा कि व्यापार कभी भी सुरक्षा जाल के साथ नहीं आता बल्कि यह एक अनुशासन है जहां आपको बिना किसी सुरक्षा जाल के खुले आसमान में उड़ने का साहस करना होगा और छलांग भी लगानी होगी लेकिन उससे अधिक अपने पंखों पर भरोसा रखना होगा। अडानी ने कहा कि इस क्षेत्र में जीत और हार के बीच केवल एक मात्र अंतर यह है कि आपका हर निर्णय आपके लिए एक परीक्षा है। यह न केवल बाजार के विरुद्ध है बल्कि आपके मन की सीमाओं के विरुद्ध भी एक लड़ाई है। उन्होंने कहा कि ट्रेडिंग ने मुझे एक अमूल्य सबक सिखाया कि परिणामों के प्रति अत्यधिक लगाव यथा स्थिति को चुनौती देने की आपकी क्षमता को बहुत सीमित कर देता है।
गौतम अडानी ने कहा की ज्वेलरी हमारे काम से नहीं बल्कि भारत देश की भावनाओं और संस्कृति से भी जुड़ी हुई है। इस काम में 50 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त होता है जो आईटी सेक्टर में मिलने वाले लोगों के रोजगार के बराबर है। संबोधन के दौरान गौतम अडानी ने कहा कि यह उद्योग एक इकोनामी ड्राइवर नहीं है बल्कि यह हमारे देश के लिए एक गर्व का विषय है।
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अंतिम-
इस आर्टिकल में GAUTAM ADANI KA BUSINESS IDEA से जुड़ी सारी जानकारी दी गई है, जो इस आर्टिकल के लिए महत्वपूर्ण है। यदि इस आर्टिकल से संबंधित आपके पास कोई प्रश्न या सुझाव हैं तो कृपया कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछें। धन्यवाद।