भारत की भरोसेमंद बीमा कंपनी एलआईसी के द्वारा ऐसी कई पॉलिसीज निकाली जाती हैं जिसमें इन्वेस्ट करके कम समय में बेहद अच्छा रिटर्न प्राप्त किया जा सकता है। इसीलिए भारतीय जीवन बीमा निगम जन सामान्य की प्राथमिकता बना हुआ है। इस आर्टिकल में भी हम आपको LIC karorpati Yojana पॉलिसी के बारे में बताने वाले हैं जिसमें आप बहुत कम इन्वेस्टमेंट पर अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। इस पॉलिसी में आप मात्र 4 साल के इन्वेस्टमेंट से करोड़ों का फायदा प्राप्त कर सकते हैं।
Lic jeevan Shiromani policy (एलआईसी जीवन शिरोमणि योजना):
जीवन शिरोमणि पॉलिसी के लाभ:
सिरोमणि पॉलिसी से बने करोड़पति
जानिए कितना करना होगा निवेश:
जानिए क्या है इस पॉलिसी के फायदे:
Lic jeevan Shiromani policy: (एलआईसी जीवन शिरोमणि योजना)
जीवन शिरोमणि पॉलिसी का आरंभ एलआईसी द्वारा 19 दिसंबर 2017 में किया गया था जो कि एक गैर लिंक्ड सहभागी और व्यक्तिगत जीवन बीमा पॉलिसी है। इस पॉलिसी में आप सीमित समय के लिए प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं जिसमें एलआईसी द्वारा आपको एक गारंटीड रिटर्न दिया जाता है। यहां पर आपको कई प्रकार की बीमारियों से सुरक्षा भी दी जाती है और साथ ही किसी भी परिस्थिति में आप इसे क्लेम भी कर सकते हैं। किसी भी कारण से अगर पॉलिसी होल्डर की मृत्यु हो जाए तो इस पॉलिसी के अंतर्गत उसके परिवार को आर्थिक सहायता भी उपलब्ध करवाई जाती है।
इस पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य 18 से 55 वर्ष तक के लोगों को इन्वेस्टमेंट के लिए प्रेरणा देना, साथ ही उन्हें फाइनेंशियल फ्रीडम प्रदान करना है। यदि कोई भी व्यक्ति इसमें लंबे समय के लिए इन्वेस्टमेंट करता है तो वह एक अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकता है। एलआईसी की इस पॉलिसी में सालाना, छमाही, तिमाही अथवा मासिक अंतराल पर प्रीमियम जमा किया जा सकता है।
इस LIC karorpati Yojana के अंतर्गत उच्च कवरेज मिलता है अर्थात् इस पॉलिसी के अंतर्गत आपको मिनिमम एक करोड़ रुपए का कवरेज मिल जाएगा। किसी भी कारण से अगर पॉलिसी धारक की मृत्यु होती है तो पॉलिसी का पूरा लाभ व्यक्ति के नॉमिनी या फिर उसके परिवार जनों को दिया जाता है। मैच्योरिटी पर आपको एक करोड़ रुपए का लाभ प्राप्त होता है। इस पॉलिसी के अंतर्गत आपको क्रिटिकल इलनेस बेनिफिट भी मिलता है।
इसमें 15 प्रकार की गंभीर बीमारियों में आपको बेहतरीन कवरेज दिया जाता है। यहां पर आपको किसी भी दुर्घटना और विकलांगता लाभ राइडर, एलआईसी दुर्घटना लाभ राइडर, एलआईसी न्यू टर्म इंश्योरेंस लाइट राइडर व LIC न्यू क्रिटिकल इलनेस बेनिफिट राइडर की सुरक्षा प्रदान की जाती है। इस पॉलिसी की पात्रता यह है कि इस पॉलिसी को भारत का कोई भी नागरिक ले सकता है उसे कम से कम 18 वर्ष एवं अधिक से अधिक 55 वर्ष का होना अनिवार्य है। पॉलिसी के मैच्योरिटी के समय धारक की उम्र 69 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए साथ ही आवेदन करने वाले के पास आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसे जरूरी दस्तावेज होना अनिवार्य है।
सिरोमणि पॉलिसी से बने करोड़पति
यदि आप इस पॉलिसी के द्वारा करोड़पति बनना चाहते हैं तो आपको एक बढ़िया इन्वेस्टमेंट हर महीने करना होगा। 4 साल तक हर महीने इस पॉलिसी में यदि आप 94 हजार रुपए की राशि जमा करते हैं तो इस पॉलिसी के माध्यम से आप एक करोड़पति बन सकते हैं। यह भुगतान आप महीने दर महीने कर सकते हैं और वार्षिक भी कर सकते हैं। यदि आप चाहे तो प्रत्येक 6 महीने पर भी इस तरह का भुगतान कर सकते हैं जिसके बाद आपको 4 साल तक इन्वेस्टमेंट करना है। 14 साल के बाद आपके द्वारा निवेश की गई राशि परिपक्व होकर एक करोड़ रुपए में तब्दील हो जाएगी।
एलआईसी द्वारा 2017 में इस खास पॉलिसी को लांच किया गया था जिसका नाम जीवन शिरोमणि रखा गया। यह पॉलिसी उन सभी लोगों के लिए थी जो कम समय में बड़ी रकम बनाना चाहते हैं इस पॉलिसी में धारक को गारंटीड रिटर्न मिलता है।
यदि आप 4 साल में एक करोड़ रुपए कमाना चाहते हैं तो इस पॉलिसी के अंतर्गत आपको हर महीने कम से कम 94000 तक प्रीमियम जमा करना होगा।
जानिए क्या है इस पॉलिसी के फायदे:
इस पॉलिसी के अंतर्गत आपको एक करोड़ रुपए का कवरेज प्राप्त होगा और साथ ही अगर पॉलिसी धारक की मृत्यु हो जाती है तो इसका पूरा लाभ उसके परिवार एवं नॉमिनी को दिया जाएगा। पॉलिसी के अंतर्गत 15 तरह की गंभीर बीमारियों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान की जाती है। इस प्रकार यदि आप एक सुरक्षित और लाभदायक निवेश की तलाश कर रहे हैं तो एलआईसी द्वारा निकाली गई यह पॉलिसी आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है।
अंतिम-
इस लेख में LIC karorpati Yojana से संबंधित सभी जानकारी दी गई है जो इस लेख के लिए आवश्यक है। यदि इस लेख से संबंधित आपका कोई प्रश्न या सुझाव है तो कृपया कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछें। धन्यवाद।
किसी भी राष्ट्र की सामाजिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कुछ नियम होते हैं और इन नियमों को वैधानिक रूप से लागू करवाना कानून कहलाता है। इन कानूनों की भी अपनी एक परिधि होती है जो भिन्न भिन्न परिस्थितियों में संबंधित विषय और लोगों पर लागू होते हैं। इसी कारण कानून को मुख्य रुप से दो भागों में विभाजित किया जा सकता है. Sarvjanik aur niji Kanoon सार्वजनिक कानून की उपयोगिता सम्पूर्ण समाज के लिए होती है जैसे मानवाधिकार और राष्ट्र की सुरक्षा से संबंधित मुद्दे सार्वजनिक कानून के अन्तर्गत आते हैं। वहीं किसी तरह की संपत्ति को लेकर विवाद या किसी कॉन्ट्रैक्ट के अनुपालन ना करने संबंधी विवाद को निपटाने का काम निजी कानून के तहत आता है।
आज के आलेख में हम आपको सार्वजनिक व निजी कानून से तात्पर्य, उनमें अंतर, निजी कानून के उप-विभाग तथा सार्वजनिक निकायों से संबंधित सार्वजनिक कार्यों की विश्लेषणात्मक जानकारी से अवगत कराएंगे।
Sarvjanik कानून का दायरा अपेक्षाकृत बड़ा होता है जो सार्वजनिक और निजी दोनों ही निकायों के बीच तालमेल करते हुए उनके मामलों को अधिकृत तौर पर निपटाने का काम करता है। इस प्रकार सार्वजनिक कानून का संबंध सीधे सीधे आम जनता या सम्पूर्ण समाज से होता है। सार्वजनिक कानून के अंतर्गत जो उप- विभाग हैं वो निम्नलिखित हैं –
अंतरराष्ट्रीय कानून
संवैधानिक कानून
प्रशासनिक व्यवस्था
अपराधिक कानून
नगरपालिका कानून
सार्वजनिक निकायों की भूमिका:
अमूमन सार्वजनिक निकायों के अधिकारियों को संसदीय कानून के निर्णय को क्रियान्वित करने का अधिकार होता है और वो इसके लिए अधिकृत होते हैं। सरकारी, मंत्री, विभाग व एजेंसियां, स्थानीय प्राधिकरण, स्वास्थ्य प्राधिकारी, पुलिस अदालतें,जेल, वैधानिक न्यायाधिकरण , कोरोनर अदालतें और General Medical Council जैसी संस्थाएं सार्वजनिक निकायों के उदाहरण हैं।
Sarvjanik निकायों के कार्य:
DWP इस प्रकार के निर्णय के लिए अधिकृत है कि सरकारी कल्याणकारी कार्य के लिए कौन पात्र है और कौन नहीं
यदि किसी सरकारी मंत्री ने कोई नियम निर्धारित किया है तो वो इसके लिए अधिकृत है कि संबंधित विवाद के लिए किसे और किस तरह से कानूनी सहायता प्रदान की जा सकती है
किसी भी सरकारी योजना के लिए स्थानीय प्राधिकारी योजना को क्रियान्वित करने की अनुमति के लिए अधिकृत होंगे
संबंधित क्षेत्र में आवास उपलब्ध कराने का भी अधिकार स्थानीय प्राधिकारी को होगा
निजी कानून से तात्पर्य यह है कि जब कोई विषय दो वर्गों, व्यक्तियों के बीच किसी विवाद का निपटारा करता है तो वो निजी कानून के दायरे में आता है। दूसरे शब्दों में इस तरह का कानून व्यक्तियों और सरकारों के बीच सेतु का काम करता है. इसे हम सामान्य कानून भी कह सकते हैं। इसके अंतर्गत पारिवारिक कानून, अनुबंध का कानून, व्यापारिक कानून, संपत्ति व ट्रस्ट का कानून आदि आते हैं।
निम्न उदाहरण से समझा जा सकता है निजी कानून को
किसी संस्थान के मालिक ने यदि अपने संस्थान के अंदर धूम्रपान करने की मनाही की है और यदि इस नियम का कोई उल्लंघन करता है तो इन नियमों को तोड़ने के लिये दी जाने वाली दंडात्मक कार्रवाई निजी कानून का उदाहरण है। इसी तरह जब दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच संपत्ति या उससे संबंधित कोई विवाद होता है तब कुछ व्यक्तियों का समूह मिलकर इसका समाधान या समझौता करवा सकता है। लेकिन जब इससे बात नहीं बनती तो विधिक कानून का दरवाजा खटखटाया जा सकता है।
निजी कानून के अंतर्गत उप-विभाग:
निगम क़ानून
संपत्ति कानून
प्रतिस्पर्धी कानून
वाणिज्यिक कानून
अनुबंधित कानून
श्रम कानून
Torts का कानून
सार्वजनिक कानून व निजी कानून के बीच मूलभूत अंतर:
चूंकि हम सभी एक सामाजिक व्यवस्था के अंतर्गत रहते हैं अतः हमें Sarvjanik aur niji Kanoon के नियमों व दायरों की पर्याप्त जानकारी से रूबरू होना चाहिए।
सार्वजनिक कानून व्यक्ति या व्यक्तियों का विनियमन न करके संबंधित कानूनी प्रणाली का विनियमन करता है। अतः सीधे सपाट शब्दों में कहें तो जो कार्य पूरे समाज को प्रभावित करते हैं वो सार्वजनिक कानून के दायरे में आते हैं और व्यक्ति या व्यक्तियों से संबंधित विवाद निजी कानून के दायरे में हैं। पर कभी कभी ऐसा भी देखा गया है कुछ ऐसे कार्य भी घटित होते हैं जो Sarvjanik aur niji Kanoon दोनों ही कानून का उल्लंघन करने के दायरे में आ जाते हैं। उदाहरण के तौर पर कोई ऐसा लेखन जो समाज के लिए गलत संदेश देने वाला हो तो वो सार्वजनिक कानून के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। इसी तरह संपत्ति विवाद को निजी कानून के दायरे में रखा गया है लेकिन यदि उस दौरान कोई अपराधिक कृत्य होता है तो वह सामाजिक अपराध माना जाएगा और तब उसका निपटारा समाजिक कानून के तहत होगा।
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि अपराध की श्रेणियां व परिस्थितियां कानून के दायरे तय करती हैं और एक सुचारू सामाजिक व्यवस्था को चलाने के लिए कानून का पालन नागरिकों का दायित्व है।
शादी एक पवित्र बंधन है और हर व्यक्ति अपने जीवनसाथी की तलाश में रहता है। ऐसे में Marriage Bureau Business Idea बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है। अगर आप दूसरों की जिंदगी में खुशियां लाना चाहते हैं और साथ ही एक अच्छा व्यवसाय कर स्वयं को आर्थिक रूप से समर्थ बनाना चाहते हैं तो मैरिज ब्यूरो आपकी मदद कर सकता है। आज के आलेख में हम आपको मैरिज ब्यूरो के व्यवसाय से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी से अवगत कराएंगे। यदि आप भी मैरिज ब्यूरो का व्यवसाय करने के इच्छुक हैं तो हमारे आज के आलेख को पूरा पढ़ना आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होगा।
सुविधाजनक लोकेशन: एक ऐसी जगह चुनें जहां आसानी से लोग आ जा सकें तथा सामान्य सुविधाएं सहजता से उपलब्ध हो सकें
वैध रजिस्ट्रेशन: सभी जरूरी लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन करवाने होंगे और उससे संबंधित सभी जरूरी दस्तावेजों को भी उपलब्ध करवाना होगा
कंप्यूटर और लैपटॉप: डेटाबेस बनाने और ऑनलाइन काम करने के लिए इनकी जरूरत होगी तथा लोगों से ऑनलाइन सम्पर्क बनाने के लिए भी इसकी उपयोगिता अति महत्वपूर्ण है
कुशल मार्केटिंग: लोगों को अपने मैरिज ब्यूरो के बारे में बताने के लिए अच्छे से मार्केटिंग करें। डिजिटल मार्केटिंग इसके लिए सबसे बेहतरीन विकल्प है
कितना खर्च आएगा?
मैरिज ब्यूरो शुरू करने के लिए आपको लगभग 50,000 से 1,00,000 रुपये का निवेश करना पड़ सकता है। आगे चलकर यदि आप अपने बिजनेस को और अधिक व्यावसायिक विस्तार देना चाहते हैं तो और निवेश कर सकते हैं।
कितना मुनाफा होगा?
अगर आपका बिजनेस अच्छा चला तो आप महीने के 50,000 से 60,000 रुपये तक भी कमा सकते हैं। कमाई का ग्राफ आपकी कुशलता पर निर्भर करेगा और ये 1 लाख की इनकम भी सहजता से दिला सकता है।
इस बात का ध्यान रखें कि इस धंधे में लोगों का विश्वास जीतना बहुत जरूरी है। अतः लोगों की निजी जानकारी को गोपनीय रखें। साथ ही लोगों के साथ व्यवहार कुशल बनें तथा कुछ नया प्रयोग करने के लिए अपने को अपडेट करते रहें। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि मैरिज ब्यूरो का व्यवसाय एक बहुत जिम्मेवारी वाला काम है अतः इस धंधे में लोगों की भावनाओं को सदैव प्राथमिकता दें।
अंतिम-
इस आर्टिकल में Marriage Bureau Business Idea से जुड़ी सारी जानकारी दी गई है जो इस आर्टिकल के लिए महत्वपूर्ण है। यदि इस आर्टिकल से संबंधित आपके पास कोई प्रश्न या सुझाव हैं तो कृपया कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछें। धन्यवाद।
आजकल फास्ट फूड का चलन इतना बढ़ गया है कि मैदा की मांग दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। ऐसे में Maida Making Business शुरू करना एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। आज के आलेख में हम आपको मैदा मेकिंग के बिजनेस की उपयोगिता, लाभ व तरीके से संबंधित जानकारी से अवगत कराएंगे। यदि आप भी इस तरह का कोई धंधा करने की तलाश में हैं तो हमारे आलेख को पूरा पढ़कर अपनी व्यवसायिक योजना को क्रियान्वित कर सकते हैं।
हमेशा रहती है मांग: फास्ट फूड, बेकरी उत्पाद, और कई अन्य खाद्य पदार्थों में मैदा का इस्तेमाल होता है जिससे इसकी मांग हमेशा बनी रहती है
कम निवेश: छोटे स्तर पर शुरू करने के लिए आपको बहुत ज्यादा पैसे की जरूरत नहीं होती
अच्छा मुनाफा: सही तरीके से चलाने पर इस बिजनेस से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है
शुरुआत कैसे करें?
योजना बनाएं: सबसे पहले आपको यह तय करना होगा कि आप कितने बड़े पैमाने पर यह बिजनेस शुरू करना चाहते हैं। इसके बाद आपको एक अच्छी जगह, मशीनरी, कच्चा माल और कर्मचारियों की व्यवस्था करनी होगी
मशीनरी खरीदें: मैदा बनाने के लिए आपको एक चक्की की जरूरत होगी। आप अपनी जरूरत और बजट के अनुसार साधारण या ऑटोमैटिक चक्की खरीद सकते हैं
कच्चा माल: आपको अच्छी गुणवत्ता वाला गेहूं खरीदना होगा
लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन: बिजनेस शुरू करने से पहले आपको सभी जरूरी लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन करवाने होंगे जैसे कि FSSAI लाइसेंस, जीएसटी रजिस्ट्रेशन आदि
मार्केटिंग: अपने उत्पाद को बेचने के लिए आपको मार्केटिंग करनी होगी। आप स्थानीय दुकानदारों, होटलों और बेकरीज़ को अपना मैदा बेच सकते हैं
नियमों का पालन करें: सभी कानूनों और नियमों का पालन करें।
विशेष:
मैदा बनाने का बिजनेस एक अच्छा बिजनेस आइडिया है। अगर आप मेहनत और लगन से काम करते हैं तो आप इस बिजनेस में सफल हो सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए आप इन जगहों पर जा सकते हैं-
इंडिया मार्ट: यहां से आप मैदा बनाने की मशीन खरीद सकते हैं।
ट्रेड इंडिया: यहां से भी आप मैदा बनाने की मशीन खरीद सकते हैं।
अंतिम-
इस लेख में Maida Making Business से संबंधित सभी जानकारी दी गई है, जो Maida Making Business शुरू करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यदि इस लेख से संबंधित आपके पास कोई प्रश्न या सुझाव हैं तो कृपया कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछें। धन्यवाद
किसान भाइयों और बहनों, क्या आप एक ऐसा बिज़नेस ढूंढ रहे हैं जिसे आप कम लागत से शुरू कर सकें और जिससे आपको अच्छा मुनाफा हो? अगर हाँ, तो Lemongrass Business Idea आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है।
एक हेक्टेयर जमीन में लेमनग्रास की खेती करके आप सालाना 4 से 5 लाख रुपये तक कमा सकते हैं। यह आपके क्षेत्र और लेमनग्रास के दाम पर निर्भर करता है।
कैसे करें लेमनग्रास की खेती?
लेमनग्रास की खेती करना बहुत आसान है। आप इसे फरवरी से जुलाई के बीच लगा सकते हैं। एक बार लगाने के बाद यह 5 साल तक लगातार पैदा होती रहती है।
कहां बेचें लेमनग्रास?
आप अपनी लेमनग्रास को स्थानीय बाजारों, दवा की दुकानों या फिर बड़ी कंपनियों को बेच सकते हैं। आप ऑनलाइन भी लेमनग्रास बेच सकते हैं।
प्रत्येक किसान लाभ उठा सकता है इस खेती का:
लेमन ग्रास की खेती उन सभी किसानों के लिए है जो कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं। चाहे आपके पास छोटी सी जमीन हो या बड़ी, आप लेमनग्रास की खेती कर सकते हैं।
विशेष:
अगर आप भी लेमनग्रास की खेती शुरू करना चाहते हैं तो आज ही अपने नजदीकी कृषि विभाग से संपर्क करें।
इस लेख में Lemongrass Business Idea से संबंधित सभी जानकारी दी गई है, जो लेमनग्रास की खेती के लिए आवश्यक है। यदि आपके पास इस लेख से संबंधित कोई प्रश्न या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछें। धन्यवाद।