Health tips: प्रकृति द्वारा मिले नेचुरल फूड्स हमारे लिए अत्यंत लाभकारी होते हैं। प्रकृति हमें कई ऐसे फल और सब्जियां देती है जिनके सेवन से हम अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं। ऐसा ही एक फूड है आंवला। भारतीय आयुर्वेद के मुताबिक आंवला के सेवन से हम सर्दियों में अपनी बॉडी को विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचा कर रख सकते हैं और साथ ही हेल्दी भी रह सकते हैं। आंवले का सेवन विभिन्न प्रकार से किया जा सकता है जैसे आंवला की कैंडी बनाना, आंवले का जूस बनाना, आंवले का अचार बनाना या फिर ऐसे ही आंवले को काटकर नमक के साथ उसका सेवन करना।
आयुर्वेद में आंवले को एक सुपर फूड माना गया है। इसमें विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट, कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, फ्लैवोनोइड्स और ऐन्थो साइनिन जैसे पोषक तत्व होते हैं जिसके कारण इसके सेवन से आप वजन कम करने से लेकर अपनी इम्यूनिटी स्ट्रांग करने तक कई प्रकार के फायदे प्राप्त कर सकते हैं। आज के आलेख में हम आपको बताएंगे ऐसे पांच तरीके जिनके द्वारा आप अपनी डाइट में आंवले को शामिल कर सकते हैं।
आंवला जूस:
आंवला के सेवन करने का सबसे आसान तरीका है जूस के द्वारा इसका सेवन करना। आप स्वयं भी घर में आंवले का जूस निकाल सकते हैं और आप मार्केट से भी आंवले का जूस खरीद सकते हैं जिसे सुबह शाम पानी में डालकर पीने से आपको कई पोषक तत्व प्राप्त होंगे।
पाउडर आंवला का:
आप आंवले का सेवन आंवले के पाउडर के द्वारा भी कर सकते हैं। यह पाउडर आसानी से बाजार में भी मिल जाता है और आप घर पर भी आंवले से बना सकते हैं जिसे गर्म पानी या शहद के साथ लिया जा सकता है।
आवले का मुरब्बा:
गर्मियों में मुरब्बा का सेवन करने से पेट को ठंडक मिलती है, आप इसे घर में भी बना सकते हैं और बाजार से भी खरीद कर ला सकते हैं।
आंवले का सेवन करने का एक और चटपटा तरीका है, आंवला की कैंडी खाना। आपको बाजार में आसानी से सूखे आंवले की कैंडी मिल जाएगी। इसे खाकर आप अपने शरीर में पोषक तत्वों की पूर्ति कर सकते हैं
आंवले की चटनी:
यदि आप ताजा आंवले का सेवन करना चाहते हैं तो आप आंवले की चटनी बनाकर खा सकते हैं। आंवले की खट्टी और तीखी चटनी आपके खाने के स्वाद के साथ-साथ आपके शरीर में पोषक तत्वों को भी बढ़ा देगी।
Health tips: आंवला एक ऐसा गुण कारी फ़ल है जिसका सेवन हम नियमित, विशेष रूप से सर्दियों में करते हैं तो इससे हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने के साथ हम निरोग व स्वस्थ रहेंगे।
Gunahon Ka Devta book review Hindi: हिंदी गद्य साहित्य में धर्मवीर भारती का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। मध्यवर्गीय समाज की भावनाओं व संवेदनाओं को उकेरने वाले कुशल शिल्पी के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल माने जाते हैं धर्मवीर भारती। लेखक को 1950 में लिखे गए अपने उपन्यास “गुनाहों का देवता” के लिए विशेष प्रसिद्धि मिली क्योंकि यह किताब अपने समय में सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली पुस्तकों की सबसे ऊपर की पंक्ति में अपना स्थान रखती है।
गुनाहों का देवता एक मध्यवर्गीय भारतीय परिवार की कहानी है। ये कहानी मुख्य रूप से चार पात्रों पर केन्द्रित है, सुधा, चन्दर, पम्मी व बिनती। कथानक में परवाह करने वाला प्रेम सामाजिक लोकराज तले दब जाता है लेकिन उम्र भर अपने प्यार को न पा सकने की कसक विविध रूपों में अभिव्यक्त होती रहती है। आज की पुस्तक समीक्षा में हम आपके समक्ष धर्मवीर भारती जी के इस अति चर्चित उपन्यास की विश्लेषणात्मक समीक्षा प्रस्तुत करेंगे।
सम-सामयिक कथानक:
THE BLOG INCLUDE
सम-सामयिक कथानक:
कहानी का त्रिकोणात्मक पहलू:
कहानी का चौथा पहलू:
भाषा व शैली विन्यास:
निष्कर्ष:
यदि गुनाहों के देवता उपन्यास के कथानक की बात की जाए तो भारती जी ने जिस विषय पर लिखा है वो मध्यमवर्गीय परिवार के अमूमन हर युवा के दिल को छू कर गुजरता है। संभव है कि आज परिस्थितियां बहुत कुछ बदल गई हों पर वो प्रसंग अब भी आस पास महसूस किए जा सकते हैं। तभी तो ये उपन्यास आज भी साहित्य प्रेमी युवाओं की पसंद बना हुआ है। पूरे कथानक में उपन्यास का नायक चन्दर अपने प्रेम को निभाने, परवाह करने और अंततः उत्सर्ग करने तक का सफर तय करता है।
नायिका सुधा भी कुछ ऐसी ही प्रेमिका है जो हर तरह से चन्दर की अनुगामिनी है, इस हद तक कि उसकी सहमति को शिरोधार्य कर वह दूसरे से विवाह कर लेती है। यहां ये बात ध्यान देने योग्य है साठ के दशक की ये प्रेम कहानी आज के प्रेम से कुछ मायनों में अलग है…वो इसलिए कि यहां प्रेमी देवता है और प्रेमिका उसकी भक्त। सच पूछिए तो ये एक असाधारण प्रेम कहानी है।
असाधारण प्रेम कहानी
चन्दर सुधा के प्रोफेसर पिता का स्टूडेंट है जो हर तरह से अपनी छत्रछाया में उसे प्रमोट करते हैं और उस पर भरोसा भी उतना ही करते हैं। घर के सदस्य की तरह उसका घर में आना जाना था। इसी दौरान प्रोफेसर की अति चंचला बेटी सुधा और चन्दर कब एक दूसरे के प्रेम में पड़ गए, ये उन्हें ख़ुद पता नहीं चला। उनके प्रेम की पवित्रता देखिए कि जब प्रोफेसर अपनी बेटी का विवाह कहीं और तय कर देते हैं तो उसको राजी करने की जिम्मेदारी चन्दर को सौंप देते हैं।
प्रोफेसर के एहसानों तले दबा चन्दर अपने प्रेम का उत्सर्ग कुछ इस तरह करता है कि सुधा को पिता द्वारा तय की गई शादी करने के लिए रजामंद कर लेता है और सुधा ने भी अपने देवता की आज्ञा शिरोधार्य कर विवाह करना स्वीकार कर लिया। अब इस प्रेमाहुति का परिणाम ये रहा बाकी का पूरा जीवन दोनों प्रेमियों ने तिल तिल कर कष्ट देने वाले नासूर की तरह गुजारी।
कहानी का त्रिकोणात्मक पहलू:
इस कहानी में तीसरे पक्ष के रूप में पम्मी नामक महत्वपूर्ण किरदार की भूमिका है। पम्मी एक तलाकशुदा एंग्लो-इंडियन महिला है जिसका अपने पति से अलग होने के बाद चन्दर की ओर खिंचाव बढ़ता है। यद्यपि उसे चन्दर और सुधा के प्रेम प्रसंग का पता है। वो चन्दर के समक्ष कई बार ऐसी बातों का विचार के तौर पर खुलासा करती है जो अमूमन युवा प्रेम के कड़वे आनुभविक सच हैं। चन्दर और पम्मी के अंतरंग संबंधों को उपन्यास में दिखाया अवश्य गया है पर उसमें फूहड़ता नहीं दिखती। इसी प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए लेखक एक स्थान पर लिखते हैं –
“औरत अपने प्रति आने वाले प्यार और आकर्षण को समझने में एक बार चाहे भूल कर ले, लेकिन वह अपने प्रति आने वाली उदासी और उपेक्षा को पहचानने में कभी भूल नहीं करती।” इसी तरह एक स्थान पर लेखक कहते हैं, शरीर की प्यास उतनी ही पवित्र और स्वाभाविक है जितनी आत्मा की पूजा। आत्मा की पूजा और शरीर की प्यास दोनों अभिन्न हैं।
उपन्यास के अंतिम पड़ाव पर चन्दर की जिंदगी में सुधा व पम्मी के बाद बिनती का आगमन होता है जो अंततः उसकी जीवन संगिनी बनती है। एक सहज स्त्री के रूप में उसे पता है कि सुधा व पम्मी के प्रेम से थका हारा चन्दर उसके हिस्से में आया है और वह उसे एक नव जीवन देने के लिए स्वीकार करती है। उपन्यास की अंतिम पंक्तियां इसी पहलू को बयां करती हैं –
“सितारे टूट चुके थे, तूफ़ान खत्म हो चुका था। नाव किनारे पर आकर लग गई थी, मल्लाह को चुपचाप रूपए देकर बिनती का हाथ थामकर चन्दर ठोस धरती पर उतर पड़ा …”
भाषा व शैली विन्यास:
साठ के दशक में लिखे गए इस उपन्यास का प्रारुप अंग्रेजों के समय का भारतीय परिवेश है। भाषा शैली में इलाबादी खड़ी बोली का बढ़िया प्रयोग है। लेखक ने प्रसंगानुसार साहित्यिक भाषा का सुंदर और भावनाओं को छूने वाला बेहतरीन संयोजन प्रस्तुत किया है। पढ़ें लिखे लोगों की भाषा के साथ ही आपसी संवाद में प्रेम की परिभाषा भी व्यक्त होती है। प्रसंगानुसार संवाद इतने दिलचस्प और आकर्षित करने वाले हैं कि कुछेक को दोबारा पढ़ने का मन करता है।
Gunahon Ka Devta book review Hindi: एक युवा के लिहाज से देखिए तो यह एक दुखान्त प्रेम कहानी है। एक ऐसी कहानी जो नायक के अपने प्रेम के उत्सर्ग के कारण उसे गुनाहों का देवता बना देती है। इस भटकाव में नायक आजीवन अतृप्त और अशांत रहता है और जाने अंजाने अपने प्रेम की प्रतिपूर्ति के लिए उससे जो गुनाह होते हैं उससे वो चाहकर भी उबर नहीं पाता।
निष्पक्ष रूप से कहा जाए तो लेखक अपने उपन्यास में जो दिखाना चाहते थे उसमें वो सफ़ल रहे हैं। इसी कारण गुनाहों का देवता आज भी युवाओं में बहुत चाव से पढ़ी जाने वाली पठनीय प्राथमिकता है।
Nokia new launch: न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में नोकिया के स्मार्टफोंस काफी पसंद किए जाते हैं। यदि आप भी उनमें से एक हैं जो नोकिया के स्मार्टफोंस को पसंद करते हैं तो नोकिया ने 13 साल बाद स्मार्टफोन बाजार में अपनी एक धमाकेदार वापसी आप ही के लिए की है। कंपनी एक ऐसा फोन पेश करने जा रही है जो सिर्फ तकनीकी दृष्टि से शानदार नहीं बल्कि इसका डिजाइन और यूजर एक्सपीरियंस भी काफी बेहतरीन है।
नोकिया ने बाजार में स्मार्टफोन की यात्रा 2000 के दशक में प्रारंभ की थी और यह वही समय था जब हर व्यक्ति नोकिया को अपनी पहली पसंद बताता था और लगभग हर दूसरे व्यक्ति के पास नोकिया का फोन होता था लेकिन स्मार्टफोन के मामले में नोकिया की यह गति कहीं पीछे छूट गई। पर आज 13 साल बाद नोकिया ने एक नए स्मार्टफोन को लांच किया है जो नोकिया फैंस के लिए एक बेहतरीन ऑप्शन बनकर सामने आ रहा है। आज के आलेख में हम जानेंगे नोकिया के इस स्मार्टफोन के विशेष फीचर्स के विषय में।
THE BLOG INCLUDE
आकर्षक डिजाइन और डिस्प्ले:
अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर व अपडेट्स:
शानदार कैमरा:
33W की फास्ट चार्जिंग:
क्या हैं फायदे?
कीमत:
निष्कर्ष:
आकर्षक डिजाइन और डिस्प्ले:
बात यदि हम नोकिया स्मार्टफोन के फीचर्स जैसे डिजाइन, डिस्प्ले, प्रोसेसर, परफॉर्मेंस, कैमरा फोटोग्राफी और बैटरी चार्जिंग इत्यादि की करें तो फोन में Qualcomm का Snapdragon 8 Gen 2 प्रोसेसर है, जो बेहतरीन परफॉर्मेंस और मल्टीटास्किंग अनुभव प्रदान करता है। 8GB रैम और 128GB स्टोरेज पर्याप्त रैम और स्टोरेज की वजह से, यह फोन तेज़ी से चलता है और आपके सारे ऐप्स और डेटा को सुरक्षित रखता है। Nokia का नया फोन दिखने में बहुत ही आकर्षक है। इसमें एक शानदार मेटल बॉडी और पतला डिजाइन दिया गया है, जो इसे प्रीमियम लुक देता है। इसमें 6.5 इंच की सुपर AMOLED डिस्प्ले दी गई है जो शानदार रंग और कंट्रास्ट के साथ आती है। इसमें आप गेमिंग और वीडियो स्ट्रीमिंग का बेहतरीन अनुभव ले सकते हैं।
अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर व अपडेट्स:
Nokia new launch: यह स्मार्टफोन एंड्रॉयड 14 ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलता है, जो एक स्मूथ और सिक्योर अनुभव प्रदान करता है। 2 साल के सॉफ़्टवेयर अपडेट्स: Nokia इस फोन के लिए दो साल तक सॉफ़्टवेयर अपडेट्स देने का वादा कर रहा है, जिससे आपका फोन हमेशा नई सुविधाओं के साथ अपडेटेड रहेगा। फोन में 5000mAh की बैटरी दी गई है, जो पूरे दिन का बैकअप देती है।
64 मेगापिक्सल का कैमरा एक बेहतरीन फोटोग्राफी का आदर्श माना गया है और नोकिया का यह फोन आपको ऐसा ही बेजोड़ कैमरा प्रदान कर रहा है।
33W की फास्ट चार्जिंग:
ये फोन 33W की फास्ट चार्जिंग सपोर्ट करता है जिससे आप केवल 30 मिनट में 50% बैटरी चार्ज कर सकते हैं।
क्या हैं फायदे?
बात यदि हम नोकिया स्मार्टफोन के फायदे की करें तो यह स्मार्टफोन अन्य से बेहतर इसलिए बनता है क्योंकि नोकिया का फोन हमेशा मजबूत और टिकाऊ होता है और अपने स्मार्टफोन के मामले में भी कंपनी ने उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का प्रयोग करके इस भरोसे को कायम रखने का पूरा प्रयास किया है। नोकिया का स्मार्टफोन आने वाले वर्षों में कई नए अपडेट के साथ आएगा।
कीमत:
जहां तक नोकिया के इस स्मार्टफोन की कीमत की बात है तो कंपनी ने अभी इसका खुलासा नहीं किया है। लेकिन कुछ विश्वस्त सूत्रों के अनुसार इस फोन की संभावित कीमत 25000 रूपए से 30000 रूपए के बीच हो सकती है।
Nokia new launch: 13 वर्ष बाद अपने पसंदीदा फोन की वापसी से नोकिया के ग्राहक सचमुच ख़ुश हैं। तकनीकी रुप से परफेक्ट फोन पसंद करने वाले यूजर्स के लिए नोकिया का ये नया फोन सचमुच एक बेहतर विकल्प है।
Bhumihin Kisan Yojana 2025: भारत कृषि प्रधान देश है और हमारी ज्यादा से ज्यादा आर्थिक व्यवस्था कृषि पर निर्भर है। लेकिन आज हमारे देश में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो दूसरे के खेत में मजदूरी करते हैं और जिनके पास खेती करने के लिए अपनी जमीन बिल्कुल नहीं होती। ऐसे भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए सरकार ने कृषि मजदूर योजना का आरंभ किया है जिसके अंतर्गत मजदूरी करने वाले हर भूमिहीन किसान को हर साल ₹10000 की सहयोग राशि दी जाएगी। आज के आलेख में हम आपको इस योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं।
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भूमिहीन किसान योजना 2025:
योजना का उद्देश्य:
लाभ:
योजना के लिए पात्रता:
अनिवार्य दस्तावेज:
ऐसे कर सकते हैं आवेदन:
विशेष:
भूमिहीन किसान योजना 2025:
यह योजना दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना के नाम से लांच की गई है जिसके माध्यम से गरीब भूमिहीन मजदूरों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के अंतर्गत भूमिहीन मजदूरों को हर महीने 1000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी जिससे देश के कृषि मजदूरों के बच्चों की शिक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा।
योजना का उद्देश्य:
इस योजना के माध्यम से मजदूरों को उनका दैनिक खर्च प्रदान करने के साथ ही देश की आर्थिक व्यवस्था में सुधार एवं ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों के बच्चों की पढ़ाई को बढ़ावा देना है।
यदि इस योजना के लाभ की बात करें तो यह योजना भूमिहीन मजदूरों को हर साल ₹10000 की सहायता राशि प्रदान करती है। डीबीटी के माध्यम से इस योजना की राशि सीधे लाभार्थी के खाते पर ही पहुंचाई जाएगी। योजना की राशि मजदूरों को चार किश्तों में प्रदान की जाती है।
योजना के लिए पात्रता:
इस योजना में आवेदन करने के लिए उम्मीदवार की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
पात्रता मानदंड के अनुसार यह प्रमाणित होना चाहिए कि आवेदक के पास कृषि करने के लिए भूमि नहीं है।
इस योजना के लिए आय अलग-अलग राज्यों के हिसाब से अलग-अलग निर्धारित की गई है।
अनिवार्य दस्तावेज:
इस योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज हैं आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक, जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो, राशन कार्ड एवं मोबाइल नंबर।
ऐसे कर सकते हैं आवेदन:
इस योजना के लिए आवेदन करने के लिए सबसे पहले आपको योजना के लिए निर्धारित पोर्टल पर जाना होगा।
यहां आपको न्यू रजिस्ट्रेशन के विकल्प पर क्लिक करना होगा और पूछी गई जानकारी भरकर पंजीकरण करना होगा।
पंजीकरण के बाद लॉगिन करके आवेदन प्रक्रिया के लिए आवेदन फॉर्म भरना होगा।
इसके बाद सभी आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड करके फॉर्म सबमिट करना होगा।
इस प्रकार दीनदयाल उपाध्याय Bhumihin Kisan Yojana 2025 उन गरीब मजदूरों व उनके परिवार को दैनिक जीवन में आर्थिक बल प्रदान करती है जो अपने रोजमर्रा के खर्च के लिए दूसरों पर निर्भर रहते हैं।
Home Loan Subsidy: क्या आप अपना खुद का घर बनाना चाहते हैं? लेकिन आपको होम लोन की ईएमआई के बारे में चिंता हैं? तो आज हम आपको बताएंगे ऐसी योजना के बारे में जो आपकी इस चिंता को दूर कर देगा। ऐसे में PMAW-U 2.0 योजना आपके लिए एक शानदार विकल्प है। इस सरकारी योजना के तहत, आपको होम लोन पर सब्सिडी प्रदान की जाती है। इस आर्टिकल में हम आपको इस योजना के बारे में विस्तार से बताएंगे।
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जानिए क्या है योजना:
लाभ:
ऐसे करें आवेदन:
निष्कर्ष:
जानिए क्या है योजना:
जिन परिवारों की सालाना कमाई 3 लाख रुपये से ज्यादा है, वे इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
सिर्फ भारत के नागरिक ही इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
आपकी उम्र 18 साल से कम और 60 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
जिनके पास गरीबी रेखा से नीचे का राशन कार्ड है, उन्हें इस योजना में पहले मौका मिलेगा।
NOTE:- इस योजना के बारे में हम आपको बता दें कि इस पर लगने वाले ब्याज पर सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा। यदि उदाहरण के साथ देखें तो अगर आप अपने घर के लिए 10 लाख का होम लोन लेते हैं तो आपको चार लाख रुपये के पहले लोन पर 1 वर्ष की अवधि में लोन राशि का 4% सब्सिडी के रूप में दिया जाएगा।
लाभ:
यदि बात इस योजना के लाभ की करें तो इसके अंतर्गत होम लोन के ब्याज पर सब्सिडी प्राप्त होती है जिससे आपको EMI में छूट मिलेगी। इस योजना में होम लोन मिलने में काफी आसानी होती है।
Home Loan Subsidy प्रधानमंत्री आवास शहरी 2.0 योजना केंद्र सरकार की ऐसी योजना हैं जो आर्थिक रूप से मध्यम तथा निम्न वर्ग के परिवारों के लिए चलाई जा रही है जो ऐसे परिवारों के लिए आज के समय में वरदान समान है।