Call Center kaise join kre? : जैसा कि आप लोग जानते हैं। कि वर्तमान समय में बेरोजगारी का समस्या देश व्यापी समस्या बन गया है । इसीलिए लोग अपने मोबाइल फोन ,टैबलेट तथा लैपटॉप से जॉब ढूंढते रहते हैं । और अगर बात किया जाए कि इस समय लोग ज्यादातर किस क्षेत्र में काम करते हैं तो Call center एक बेहतर क्षेत्र है| इस क्षेत्र में लोग अपना करियर कैसे बनाएंगे? उनकी सैलरी क्या होगी? उनकी योग्यता क्या होनी चाहिए? और कॉल सेंटर क्या है? और कॉल सेंटर को हम कैसे ज्वाइन कर सकते हैं? इसके क्या फायदे हैं |
और यहां पर कैसे काम करते हैं? पेमेंट कितना होता है? काम कैसे मिलेगा? पूरे दिन काम कैसे करेंगे इन सारे सवालों का जवाब हम आपको इस आर्टिकल में देने वाले हैं |और हमें आशा है की आपको यह जानकर काफी अच्छा लगेगा और अगर आप भी Call centerमें नौकरी की तलाश कर रहे हैं तो आपको मदद मिलेगी|
कॉल सेंटर क्या है? यह एक केंद्रित कार्यालय होता है| यहां पर ग्राहक की कॉल्स को रिसीव किया जाता है, तथा उनके समस्या का समाधान किया जाता है| Call center कई प्रकार के होते हैं: एक Call center होता है जहां ग्राहक स्वयं कॉल करता है| और अपनी समस्या का निधन चाहता है| और दूसरा कार्यालय Call center का इस प्रकार होता है जहां पर कर्मचारी ग्राहकों को स्वयं कॉल करते हैं:
जैसे: अगर आपके मोबाइल फोन का रिचार्ज खत्म हो जाता है| तो सिम कंपनी के कर्मचारी आपके पास कॉल करते हैं| इस प्रक्रिया को आउटबाउंड कॉल सेंटर कहा जाता है| और जहां Call center के कार्यालय में इनबाउंड और आउटबाउंड दोनों कॉल्स को संभाला जाता है | इस प्रकार के Call center को ब्लेंडेड कॉल सेंटर कहा जाता है|
Call center कैसे join करे?
Call center का महत्व इस समय काफी ज्यादा बढ़ गया है |क्योंकि आज की डिजिटल दुनिया में लोग अपना ज्यादातर काम मोबाइल फोन से ही करना चाहते हैं |और ऐसा होता भी है, इसीलिए Call center का स्थापना किया जाता है ,और उसमें कर्मचारी रखे जाते हैं| लेकिन इस समय कॉल सेंटर में काम करना एक चुनौती से कम नहीं ,आज इसको ज्वाइन करने के लिए इंटरव्यू होता है | परीक्षाएं होती हैं, आपकी मानसिक योग्यता की जांच| तत्पश्चात आपको इसको ज्वाइन कराया जाता है|
अगर आपको Call center ज्वाइन करना है, तो सबसे पहला तरीका है| कि आप इसके ऑफिस जाएं ,और वहां के सीनियर कर्मचारी से बात करें ,वह आपको संपूर्ण कार्य समझाएगा और आप कैसे ज्वाइन कर सकते हैं| उसके बारे में जानकारी देगा| इसके अलावा आजकल कई जॉब एप्लीकेशन है, जहां से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं जैसे naukari.com ,job hai , मॉन्सटर इंडिया, shine.com इत्यादि जॉब पोर्टल पर आप जाकर आवेदन कर सकते हैं और इंटरव्यू देने के बाद आप Call center ज्वाइन कर सकते हैं.
Call Center kaise join kre? आप क्या करेंगे? और इसे कैसे प्राप्त करेंगे? इन तथ्यों पर यहां पर चर्चा किया गया है| क्योंकि आजकल के समय में Call center में नौकरी का बड़ा महत्व है| यह एक लोकप्रिय विकल्प बन गया है, खासकर उन युवाओं और महिलाओं के लिए जो ऑनलाइन कम ढूंढते हैं | और एक स्थिर Income का स्रोत बनाना चाहते हैं, और अपना स्किल बढ़ाना चाहते हैं और करियर में ग्रोथ चाहते हैं| उनके लिए यह काफी अच्छा अवसर भी होता है| Call center में काम करने के लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण स्टेप होते हैं जिनका पालन करना अनिवार्य होता है-
लोगों से बात करने का तरीका: जिसे आजकल लोग अंग्रेजी में कम्युनिकेशन स्किल्स कहते हैं|
Call center में Job प्राप्त करने के लिए आपका न्यूनतम शिक्षा 12वीं पास होना आवश्यक होता है| इसके अलावा अगर आप इंटरनेशनल कॉल सेंटर में काम करना चाहते हैं, तो आपके पास अच्छी अंग्रेजी भाषा की जानकारी होना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है|
इसके अलावा आपको उसे Call center के ऑफिस में अपना रिज्यूम और इंटरव्यू देने के लिए जाना होता है|
इसके अलावा आप लोग अपने जान -पहचान में लोगों से जानकारी लें और उनके माध्यम से नेटवर्किंग बनाकर Call center में काम कर सकते हैं|
कुछ ऑनलाइन जॉब पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं: जैसे – job Hai , naukri.com, indeed, और कई अन्य वेबसाइट पर आप जाकर डायरेक्ट आवेदन कर सकते हैं|
जब आप कोई भी नौकरी करते हैं ,तो आप उसकी सैलरी जरूर पता करते हैं | इसीलिए अगर आपके पास Call center की Job है, या करना चाहते हैं| तो आप उसके सैलरी के बारे में जरूर पता करते हैं, कि अगर आप उसे क्षेत्र में नए हैं अर्थात फ्रेशर है | तो आपका आपका सैलरी अस्तर क्या होगा, और अगर आपके पास एक-दो साल का अनुभव है| अथवा आप इस काम के माहिर हैं, इन सब चीजों पर आपका वेतन निर्भर करता है ,की कितना आपको मिलेगा.
इसके अलावा आप लोगों का काम करने का समय भी निर्धारित करता है कि आपको कितना वेतन मिलने वाला है. जैसे कि अगर आप नाइट शिफ्ट में करते हैं ,तो उसका वेतन थोड़ा बढ़कर आता है| इसके अलावा अगर आप किसी अच्छे लोकेशन पर महानगरों में बड़े-बड़े शहरों में काम करते हैं, तो भी आपका खर्चा अधिक होने की वजह से आपका सैलरी वृद्धि होकर आता है |इन सारी चीजों को ध्यान में रखते हुए हमने एक टेबल बनाया है ,सैलरी से संबंधित वह आप लोग नीचे देख सकते हैं|
EXPERIENCE
INDIAN CALL CENTER (INR/month)
OTHER CALL CENTER (INR/Month)
फ्रेशर
12,000 – 15,000
15,000 – 25,000
1-3 साल का अनुभव
16,000 – 20,000
20,000- 35,000
मैनेजर पद
40,000- 60,000
60,000-80,000+
Call center job Salary
Call Center kaise join kre? काम करने की योग्यता
Call center में नौकरी करने के लिए क्या योग्यता होना चाहिए| और क्या स्किल होना चाहिए, उसके बारे में भी आप लोगों को जाना ना अत्यंत आवश्यक हो जाता है |जो कि नीचे टेबल के माध्यम से दिया गया है|
important eligibility
Description
communication skills
ग्राहक से बात करने का तरीका आना चाहिए|
experience
समाज में बोलने- चलने तथा लोगों से बात करने का एक्सपीरियंस होना चाहिए|
education
कम से कम 12वीं पास होना आवश्यक है|
Computer Education
बेसिक कंप्यूटर की जानकारी होना अत्यंत महत्वपूर्ण है|
language skills
अगर भारत में काम करना है, तो हिंदी भाषा तथा अगर इंटरनेशनल काम करना है, तो अंग्रेजी भाषा का ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक है|
interview
Call center पर पूछे जाने वाले प्रश्नों का अभ्यास महत्वपूर्ण है|
Call center qualification
Call Center में काम कैसे मिलता है?
Call center मैं अगर आपको काम लेना है, तो सबसे पहले आपको अपने स्किल और अपने योग्यता पर ध्यान देना होगा. जैसे कि आपका स्किल में आपका कामुनिकेशन स्किल, कि आप लोगों को समझा बुझा सके और अपने प्रोडक्ट के बारे में तथा अपनी कंपनी के बारे में बता सके, और उसको सेटिस्फाई कर सकें/ संतुष्ट कर सकें, इसके अलावा आप अपने लिए एक बेहतर रिज्यूम बनवा लें और उसको अपडेट करते रहे, उसमें अपनी योग्यता और स्किल को को स्पष्ट रूप से दिखाएं।
और कुछ जॉब एप्लीकेशन है जैसे की Job hai , naukri.com, LinkedIn, इत्यादि प्लेटफार्म पर जाकर,अपना प्रोफाइल बनाकर, वहां पर जो भी नौकरी अलर्ट आती रहती है ,उनमें अप्लाई करते रहना है। इसके अलावा न्यू रजिस्टर्ड Call center कंपनियां के ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर वहां से आवेदन करना चाहिए। इसके अलावा आप लोगों को Call center Job के इंटरव्यू में पूछे जाने वाले सवालों का अभ्यास करना चाहिए।
निष्कर्ष
Call Center kaise join kre? इसकी प्रक्रियाओं को ढंग से समझने और जानने के बाद आपको एक स्थिर और संतोषजनक नौकरी प्राप्त हो सकता है। इस क्षेत्र में कदम रखने के लिए आपको यह जरूरी है कि आपकी लोगों से बात करने की क्या योग्यता है। और आप लोगों को कैसे संतुष्ट करते हैं। अपनी बातों से अपने तजुर्बे से इन्हीं सब बातों के साथ-साथ आपका अनुभव इस क्षेत्र में क्या कहता है| और आप कितने दिन से इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं इन सारी चीजों पर ही आपकी वेतन निर्भर होती है, इस प्रकार से हमने आपको इस विषय पर बेहतरीन जानकारी प्राप्त कराई है, धन्यवाद
रसायन विज्ञान को अंग्रेजी भाषा में (Chemistry) कहते हैं। यह विज्ञान की एक महत्वपूर्ण शाखा है, इसमें पदार्थों के संगठन, संरचना, गुण, तथा रासायनिक प्रतिक्रिया के दौरान परिवर्तनों का अध्ययन किया जाता है। “रसायन” शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है “रस” + “आयन”। इसमें रस का मतलब होता है द्रवों का अध्ययन। रसायन विज्ञान में पदार्थ के परमाणुओं, अणु, क्रिस्टलों और रासायनिक प्रक्रिया के दौरान मुक्त या प्रयुक्त हुई ऊर्जा का भी अध्ययन किया जाता है।
वह विज्ञान जो पदार्थ, तत्वों और यौगिक के रूप में परिभाषित करता है, उनके गुण, संरचना और उनके द्वारा किए गए परिवर्तनों, और इन प्रक्रियाओं के दौरान जारी या अवशोषित ऊर्जा से संबंधित है। प्रत्येक पदार्थ चाहे वह प्राकृतिक रूप से उत्पन्न हो या कृत्रिम रूप से उत्पन्न हो, तत्वों के रूप में पहचाने गए सौ विषम प्रकार के परमाणुओं में से एक या अधिक से मिलकर बना होता है। यह परमाणु बदले में अधिक प्राथमिक कणों से बने होते हैं,
और ये रासायनिक पदार्थों के मूल निर्माण खंड हैं। ऑक्सीजन, तांबा या सोने की कोई भी मात्रा उदाहरण के लिए, पदार्थ के परमाणुओं से छोटी नहीं होगी। इसलिए रसायन विज्ञान अप-परमाणु क्षेत्र से नहीं बल्कि परमाणुओं के गुण, उनके संयोजनों को नियंत्रित करने वाले नियमों और उनके ज्ञान का उपयोग विशिष्ट उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
रसायन विज्ञान की परिभाषा (Definition of Chemistry)
विज्ञान शब्द की उत्पत्ति लातिन भाषा या लैटिन भाषा के “साइशियन” (Scientia) शब्द से हुई है, जिसका अर्थ होता है जानना। विज्ञान एक ऐसा क्षेत्र है जो प्राकृतिक और तकनीकी ज्ञान का अध्ययन करता है और उसे विवेचित करने के लिए उसका प्रयोग और अध्ययन की विशेष प्रणाली का उपयोग करता है। विज्ञान के उद्देश्य में समागम और व्याख्या की एक व्यवस्थित भीम की गई है, जो प्राप्त ज्ञान को सत्यापित करती है। विज्ञान का मुख्य उद्देश्य होता है प्राकृतिक और तकनीकी ज्ञान का विकास करना और उसे समझना। इसकी प्रक्रिया में विज्ञान शास्त्री विवेचना, प्रयोग और विश्लेषण के माध्यम से ज्ञान प्राप्त करते हैं। यह नियमित और संरक्षित प्रक्रिया है, जो हमें विश्व के रहस्य को समझने में काफी मदद करती है।
जो कुछ भी देखा, सुना या सूंघा जा सकता है, उसमें रसायन विज्ञान शामिल है। रात्रि भोजन पकाना, कपड़े धोना, कैफीन के प्रभाव का अनुभव करना, तथा बर्फ के टुकड़े बनाना, ऐसे लाखों उदाहरणों में से कुछ हैं जिनमें लोग अपने दैनिक जीवन में रसायन विज्ञान का उपयोग करते हैं। नई गंध और स्वाद का विकास रसायन विज्ञान का एक रूप है। बेहतर टिकाऊ ऊर्जा की खोज रसायन विज्ञान पर निर्भर होती है। नई दवाइयों के विकास पर अनुसंधान रसायन विज्ञान करता है।
भौतिक रसायन विज्ञान में हम अभिक्रिया के सिद्धांत का अध्ययन करते हैं।
कार्बनिक रसायन (Organic Chemicals)
कार्बनिक रसायन विज्ञान में हम कार्बनिक यौगिकों का अध्ययन करते हैं।
अकार्बनिक रसायन (Inorganic Chemicals)
अकार्बनिक रसायन की बहुत सारी शाखाएँ विद्यमान हैं, जैसे कि विश्लेषणात्मक, घटित रसायन, नाभिकीय रसायन, कृषि रसायन और पर्यावरण रसायन। इसके अंतर्गत इन सभी चीजों का अध्ययन किया जाता है।
रसायन विज्ञान की शाखाएं
रसायन विज्ञान को कई शाखाओं में विभाजित किया गया है, जैसे कि भौतिक रसायन विज्ञान, कार्बनिक रसायन विज्ञान, अकार्बनिक रसायन विज्ञान, विश्लेषणात्मक रसायन विज्ञान और जैव रसायन विज्ञान। यह रसायन विज्ञान की पाँच प्राथमिक शाखाएँ हैं:
भौतिक रसायन विज्ञान: पदार्थ और ऊर्जा का अध्ययन करता है।
कार्बनिक रसायन विज्ञान: रसायन विज्ञान की वह एक शाखा है जो कार्बनिक पदार्थ, जैसे यौगिक जिनमें सहसंयोजक रूप से बंधे कार्बन परमाणु होते हैं, की वैज्ञानिक जांच से संबंधित है। यह कार्बनिक यौगिकों की संरचना और रासायनिक संरचना का अध्ययन करता है, साथ ही कार्बनिक यौगिकों के भौतिक तथा रासायनिक गुणों के साथ-साथ इन यौगिकों के दैनिक जीवन में होने वाली रासायनिक प्रतिक्रियाओं का भी अध्ययन करता है।
अकार्बनिक रसायन विज्ञान: ऑर्गेनिक शब्द का अर्थ होता है उन यौगिकों से जिनमें कार्बन परमाणु उनकी संरचना के हिस्से के रूप में होते हैं। अकार्बनिक रसायन विज्ञान उन यौगिकों के अध्ययन से संबंधित है, जिनमें कार्बन-हाइड्रोजन बंधन नहीं होते। धातु, लवण, रासायनिक पदार्थ और ऐसे अन्य पदार्थ जो कार्बन-हाइड्रोजन बंधन नहीं बनाते, इसके उदाहरण हैं।
भौतिक रसायन विज्ञान: पदार्थ के परमाणु या आणविक स्तर पर अध्ययन करती है कि उनका व्यवहार कैसा होता है।
जैव रसायन: जीवन के सभी पहलुओं, जैसे नियंत्रण और सामान्य जैविक प्रक्रियाएँ जो एक जीवित जीव के अंदर घटित होती हैं, की जांच और समझ से संबंधित है।
Chemistry का इतिहास बहुत पुराना है। रसायनज्ञ अक्सर किसी विशिष्ट लक्ष्य उत्पाद की प्राप्ति से प्रेरित होते थे। यह इत्र और साबुन बनाने के लिए बहुत ज्यादा सिद्धांत की जरूरत नहीं थी, बस एक अच्छी रेसिपी और विवरण पर सावधानीपूर्वक ध्यान देने की जरूरत थी। पदार्थ के नामकरण का कोई मानक तरीका नहीं था और विज्ञान सदियों के दिनों में विकसित हुआ। रसायन विज्ञान को ठोस आधार पर स्थापित करने में बड़ी प्रगति तब हुई जब रॉबर्ट बॉयल (1637-1691) ने रसायन विज्ञान में अपना शोध शुरू किया।
उन्होंने गैसों के व्यवहार के लिए बुनियादी विचार विकसित किया और उसके बाद गैसों का गणितीय रूप से वर्णन किया। रॉबर्ट बॉयल ने इस विचार को आगे बढ़ाने में काफी मदद की कि छोटे कण मिलकर अणु बना सकते हैं। कई साल बाद जब जॉन डाल्टन ने इन विचारों का उपयोग परमाणु सिद्धांत विकसित करने के लिए किया, तब रसायन विज्ञान का क्षेत्र 1700 के दशक में तेजी से विकसित होना शुरू हुआ।
जोसेफ प्रीस्टले (1733-1804) ने कई गैसों को अलग किया और उनकी विशेषताएं बताईं, जैसे ऑक्सीजन, कार्बन मोनोऑक्साइड और नाइट्रस ऑक्साइड। बाद में यह पता चला कि नाइट्रस ऑक्साइड एक हंसी गैस संवेदना हरि के रूप में काम करती है, इस गैस का इस्तेमाल पहली बार सन 1844 ईस्वी में दांत निकालने के दौरान किया गया था।
उस समय खोजी गई अन्य गैसें क्लोरीन थीं, जिसे C.W. Scheele (1742-1786) ने खोजा था और नाइट्रोजन, जिसे एंटोनी लावोसियर (1743-1794) ने खोजा था। उसके बाद कई विद्वानों ने लावोसियर को रसायन विज्ञान का जनक मान लिया था। चार्ल्स गुडइयर (1800-1860) ने वल्केनाइजेशन की प्रक्रिया की खोज की, जिससे आज हमारे पास जितने भी वाहन हैं, उनके टायरों के लिए एक स्थिर रबड़ उत्पादन का उत्पादन किया जा सका। लुई पाश्चर (1822-1895) ने वाइन और दूध में अवांछित सूक्ष्म जीवों को खत्म करने के लिए हीट स्टेरलाइजेशन के उपयोग का कार्य उठाया। अल्फ्रेड नोबेल (1833-1896) ने डायनामाइट का आविष्कार किया,
उनकी मृत्यु के बाद इस उत्पाद से उन्होंने जो धन कमाया, उसका प्रयोग विज्ञान और मानविकी के नोबेल पुरस्कारों को निधि देने के लिए किया गया। J. W. हयात (1837-1920) ने पहला प्लास्टिक विकसित किया। लियो बेकलैंड (1863-1944) ने पहले सिंथेटिक रेजिन विकसित किया, जिसका व्यापक रूप से सस्ते और मजबूत डिनरवेयर के लिए उपयोग किया जाता है। यही रसायन विज्ञान का इतिहास रहा है।
विश्लेषणात्मक रसायन विज्ञान (Analytical Chemistry)
विश्लेषणात्मक रसायन विज्ञान विभिन्न प्रकार के पदार्थों की पहचान और प्रमाणीकरण का अध्ययन करता है। खोज की प्रक्रिया में शास्त्रीय विधियों के साथ-साथ वैज्ञानिक उपकरणों के प्रयोग से जुड़ी आधुनिक विधियों का भी उपयोग किया जाता है। विश्लेषणात्मक रसायन विज्ञान में निम्नलिखित प्रक्रियाएं शामिल हैं |
गुणात्मक विश्लेषण पद्धत का उपयोग जांच के तहत विश्लेषण पदार्थ की पहचान निर्धारित करने के लिए किया जाता है
पृथक्करण मिश्रण से आवश्यक रासायनिक प्रजातियों को अलग करने की प्रक्रिया की जाती है ताकि उनका अलग से विश्लेषण किया जा सके।
मात्रात्मक विश्लेषण की विधि का उपयोग किसी दिए गए मिश्रण में विश्लेषण पदार्थ की सांद्रता निर्धारित करने के लिए किया जाता है ।
अंतिम
इस लेख में हमने जानकारी ली (What is Chemistry) रसायन विज्ञान क्या है? प्रकार परिभाषा और इससे संबंधित और भी कई जानकारियां जो महत्वपूर्ण है।
इस लेख में जानेंगे parmanu urja kya hai? और इससे संबंधित संपूर्ण वह जानकारी जो सभी को जानी जरूरी है. Nuclear Energy को बारीकी से समझने के लिए सबसे पहले परमाणु के बारे में जानना होगा, परमाणु क्या है? या किसी से मिलकर बना होता है इन सारे तथ्यों पर बात करना अत्यंत आवश्यक है |
Nuclear Energy अर्थ सूचना गोलाकार विद्युत उदासीन कण है| जो दो भागों द्वारा बना होता है| पहला धनावेशित नाभिक तथा दूसरा नाभिक के बाहर का विशाल क्षेत्र जिसमें इलेक्ट्रॉन रहते हैं | परमाणु का धनावेश[+] लगभग समस्त द्रव्यमान प्रमाण के केंद्र में एक अर्थ सूचना भाग में संचित रहते हैं, जिसे परमाणु का नाभिक कहते हैं | परमाणु में इलेक्ट्रॉन धनावेशित नाभिक के चारों ओर अपेक्षाकृत अधिक दूरी पर विद्यमान कक्षाओं में घूमते रहते हैं | इलेक्ट्रॉन की संख्या परमाणु नाभिक पर स्थित धनावेश के यूनिटों की संख्या के बराबर होते हैं, इसीलिए परमाणु विद्युत उदासीन होता है.
परमाणु संरचना
सबसे पहले कुछ वैज्ञानिकों ने परमाणु के बारे में अपनी व्याख्या प्रस्तुत की उनके अनुसार परमाणु द्रव्य के संरचनात्मक भाग होते हैं| परमाणु को विभाजित नहीं किया जा सकता जिसका अर्थ है ना काटे जाने वाला अविभाज्य द्रव्य सबसे पहले इलेक्ट्रॉन की खोज और पुनः कैथोड किरणो के बारे में जानकारी प्राप्त की गई और धीरे-धीरे अलग-अलग वैज्ञानिक प्रमाण संरचना के बारे में अलग-अलग प्रमाण मॉडल प्रस्तुत किया, जिसमें सर्वप्रथम परमाणु मॉडल जे जे थॉमसन ने 1898 ईस्वी में प्रस्तुत किया इस तरबूज परमाणु मॉडल भी कहा जाता है जिसे अब तरबूज का मॉडल भी कहा जाता है |
परमाणु ऊर्जा क्या है?
इसे समझने के लिए हमें न्यूट्रॉन प्रोटॉन तथा नाभिक के बारे में जानना अत्यंत आवश्यक है. क्योंकि परमाणु प्रोटॉन, न्यूट्रॉन से मिलकर बना होता है, तथा इसके नाभिक में न्यूट्रॉन और प्रोटॉन उपस्थित होता है, इसके बाहरी स्थिति में इलेक्ट्रॉन इसके चारों तरफ चक्कर लगाते रहते हैं | प्रोटॉन (+) आवेशित तथा इलेक्ट्रॉन (-) आवेशित होता है और Neutron Free होता है | अब बात आती है परमाणु ऊर्जा का निर्माण कैसे होता है? परमाणु ऊर्जा का निर्माण दो घटनाओं में होता है जब नाभिक का विखंडन होता है,और दूसरा जब इसका संलयन होता है, तब भी परमाणु ऊर्जा का निर्माण होता है. अब बारीकी से समझने के लिए पहले नाभिकीय विखंडन और नाभिकीय संलयन के बारे में जानना अत्यंत महत्वपूर्ण होगा |
Nuclear Energy के बारे में अगर बात करेंगे तो नाभिकीय विखंडन और नाभिकीय संलयन का बात ना किया जाए यह हो ही नहीं सकता | नाभिकीय विखंडन की घटना के बारे में बताने से पहले मैं आपको इसके मूलभूत जानकारी प्रदान करना चाहता हूं. नाभिकीय विखंडन वह प्रक्रिया है जो प्रमाण के नाभिक में घटित होती है | जिसमें किसी परमाणु का नाभिक दो या दो से अधिक छोटे-छोटे नाभिकों में विभाजित हो जाता है तथा वहां से ऊर्जा उत्पन्न होती है | जिसे नाभिकीय विखंडन कहते है| जब किसी तत्व के परमाणुओं पर न्यूट्रॉन की बमबारी की जाती है, तो साधारणता: परमाणुओं के नाभिक का कृत्रिम विघटन होकर, उनसेअल्फा कण, बीटा कण, प्रोटॉन इत्यादि उत्सर्जित होते हैं, और अलग-अलग नाभिकों में बट जाते हैं इसी घटना को परमाणु का नाभिकीय विखंडन कहते है.
परमाणु का नाभिकीय संलयन क्या है?
जब दो या दो से अधिक हल्के परमाणु नाभिक पर गति करते हुए परम परंपरागत से परस्पर एक दूसरे से मिलकर संयुक्त होकर एक भारी नाभिक का निर्माण करते हैं, तो इस प्रक्रिया को नाभिकीय संलयन कहते हैं | नाभिकीय संलयन व्यवहार में एक अत्यंत कठिन प्रक्रिया है.
यह खतरनाक क्यों होता है? तो मैं आपको यह बताता हूं कि नाभिकीय ऊर्जा का निर्माण नाभिकीय विखंडन या नाभिकीय संलयन के कारण होता है| परमाणु बम विस्फोट में नाभिकीय विखंडन का महत्वपूर्ण योगदान रहता है. और नाभिकीय संलयन परमाणु बम विस्फोट की कार्यविधि पर कार्य करता हैं. परमाणु बम में विस्फोट परमाणु के विखंडन के समय उनके चारों ओर वातावरण में प्राप्त होती है| इसके अलावा हाइड्रोजन बम भी नाभिकीय संलयन बम है| इसके अलावा बहुत सारे Pressure उच्च दाब, ताप, वाली घटनाएं जो वातावरण में खतरनाक स्थिति पैदा करती हैं| इसीलिए परमाणु ऊर्जा इतना खतरनाक होता है|
निष्कर्ष:
ऊपर दी गई जानकारी parmanu urja kya hai? और इससे संबंधित वह सभी जानकारी हमने जाना जो की महत्वपूर्ण था. अगर इस लेख से संबंधित आपका कोई प्रश्न या सुझाव है कमेंट बॉक्स के माध्यम से अवश्य पूछे धन्यवाद।