भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां की अधिकांश जनसंख्या कृषि कार्य करती है। समय के साथ साथ कृषि में भी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होने से खेती किसानों के लिए ज्यादा सुलभ व फायदेमंद हो गया है। अब भारतीय किसान अधिक मुनाफा कमाने के लिए नई तरह की फसलों को उगाने का प्रयोग करने लगे हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि सरकार ने किसानों के लाभ व कल्याण के लिए अनेक योजनाएं चला रखी हैं। सरकारी प्रोत्साहन का परिणाम है कि अब भारतीय किसान कम समय में अधिक पैदावार देने वाली फसलों की खेती कर रहे हैं।
इसी क्रम में आज़ हम आपको हरी खाद की खेती से संबंधित जानकारी से अवगत कराएंगे। इस खाद को ढेंचा की खाद कहा जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ढेंचा की खाद की खेती करने के लिए किसानों को सरकार की ओर से आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाती है। इस खाद की ये विशेषता होती है कि फसलों के लिए जब इसका प्रयोग किया जाता है तो यूरिया के इस्तेमाल की जरूरत नहीं पड़ती। यदि आप भी किसान हैं और कम समय में अच्छी पैदावार करके बढ़िया मुनाफा कमाना चाहते हैं तो आज के आलेख में ढेंचा खेती से जुड़ी पूरी Business Idea देंगे जो आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होगा।
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ढेंचा की खेती के लिए हरियाणा के किसानों को मिलता है आर्थिक अनुदान:
Business Idea: इस तरह करें ढेंचा की खेती
कम लागत में मोटी कमाई वाली फसल:
ढेंचा की खेती के लिए हरियाणा के किसानों को मिलता है आर्थिक अनुदान:
हरियाणा सरकार ढेंचा की खेती करने वाले किसानों को आर्थिक मदद प्रदान करती है। ये सहायता राशि 720 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से दी जाती है। जबकि 1000 से 1100 रुपए तक का प्रति एकड़ खर्च आता है। इस प्रकार कुल खर्च का 80% हिस्सा सरकार ही वहन करती है। इसी कारण अब किसान इसकी जमकर खेती कर रहे हैं।
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Business Idea: इस तरह करें ढेंचा की खेती
इस हरी खाद की खेती आप वर्ष भर में कभी भी कर सकते हैं। पर खरीफ का सीज़न इसके लिए उपयुक्त माना जाता है। इसकी खेती करने के पूर्व ही खेत की ठीक से जुताई कर लेनी चाहिए। जहां तक बुवाई की बात करें तो ठीक सरसों की तरह ही ढेंचा की भी बुवाई की जाती है।
ढेंचा की खेती इतनी सहज होती है कि यदि आप साल में एक बार ही हरी खाद की खेती करना चाहते हैं तो अपने खेत में साधारण छिड़काव द्वारा ही बुवाई कर सकते हैं। मात्र डेढ़ माह में ही इसके पौधों की लंबाई 3 फीट से ज्यादा हो जाती है। इसके पौधे की गांठ में नाइट्रोजन की भरपूर मात्रा होती है। प्रायः कटाई के बाद इसकी फसल को खेतों में ही फैला कर रखते हैं।
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कम लागत में मोटी कमाई वाली फसल:
खाद के रूप में ढेंचा की हरी खाद का प्रयोग लगभग पूरे देश में किया जाता है। अतः इसकी मांग अधिक होने से खेती भी बहुत की जाने लगी है। जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि सरकारी सहायता के कारण किसानों का लागत मूल्य भी बहुत कम आता है और मांग अधिक होने से उत्पादन बढ़ता है तो मुनाफे का ग्राफ भी बहुत ऊपर जाता है। ज्यादातर किसान इसके इस्तेमाल के बाद यूरिया का प्रयोग नाममात्र ही करते हैं। एक लाभदायक बात ये भी है कि इस हरी खाद के इस्तेमाल से खेत में अनावश्यक खर-पतवार नहीं पैदा होता।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ढेंचा की खेती में एक एकड़ से लगभग 25 टन की पैदावार हो जाती है। यदि कोई किसान ढेंचा का बीज बेचता है तो उसे एक किग्रा बीज के 40 रूपए मिल सकते हैं। इस प्रकार एक एकड़ की जमीन पर ढेंचा की खेती करके 10 लाख रुपए तक का मुनाफा कमाया जा सकता है।
अंतिम-
इस लेख में ढेंचा की खेती से संबंधित सभी Business Idea दिए गए हैं, जो किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होने वाले हैं। यदि ढेंचा की खेती और Business Idea से संबंधित आपका कोई प्रश्न या सुझाव हो तो कृपया कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछें। धन्यवाद।