अमूमन हर व्यक्ति अपनी कमाई का उपयोग दो तरह की जरूरतों को पूरा करने के लिए करता है , पहला अपने वर्तमान जीवन यापन करने के लिए और दूसरा भविष्य में एक सुरक्षित और मजबूत आर्थिक स्थायित्व के लिए। दूसरे प्रकार की जरूरत को पूरा करने के लिए एक सुनियोजित बचत और निवेश जरूरी है। इसी बचत और निवेश का एक माध्यम है म्युचुअल फंड। आज का निवेशक आर्थिक रूप से समर्थ और मजबूत बनना चाहता है, इसी हेतु वह अपनी बचत को ऐसी जगह लगाना चाहता है जहां भविष्य में उसके लिए एक अच्छा खासा फंड तैयार हो सके। इसके लिए वह जोखिम उठाने को भी तैयार रहता है। म्युचुअल फंड वितरक (Mutual fund distributor) निवेशकों की इन्हीं आर्थिक योजनाओं को सही आकार व दिशा देने का काम करते हैं। एक विशेषज्ञ की भूमिका का निर्वहन करते हुए म्युचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर निवेशकों को उनकी जरूरत व बजट के हिसाब से म्युचुअल फंड इकाइयां खरीदने व बेचने की सलाह देते हैं। इसके एवज में उन्हें कमीशन प्राप्त होता है जो उनकी अर्जित आय कहा जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें भारत में म्युचुअल फंड व्यवसाय एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया ( AMFI) के तहत काम करता है। इसलिए ऐसे व्यक्ति जो म्युचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर बनना चाहते हैं, उन्हें AMFI से अपना पंजीकरण करवाना अनिवार्य होता है।
आज के आलेख में हम आपको म्युचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर कैसे बनें? म्युचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर बनने के लिए क्या करना पड़ेगा? म्युचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर को कितना कमीशन मिलता है? एवं म्युचुअल फंड वितरक का कमीशन चार्ट आदि की A to Z जानकारी देंगे। यदि आप भी म्युचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर बनने की योजना बना रहे हैं तो हमारे आलेख को अंत तक पढ़ना आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होगा।
THE BLOG INCLUDE
Mutual fund distributor बनने के लिए क्या करना पड़ेगा?
NISM परीक्षा पास करना होगा:
AMFI में पंजीकरण:
ARN नंबर के लिए आवेदन:
म्युचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर को कितना कमीशन मिलता है?
ट्रेल कमीशन:
Mutual fund distributor बनने के लिए क्या करना पड़ेगा?
आज के समय में ज्यादातर निवेशक लांग टर्म इन्वेस्टमेंट के रूप में म्युचुअल फंड में निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं। यही वजह है कि अब लोग म्युचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर के कार्य को प्रोफेशन के रूप में अपना रहे हैं और अच्छी कमाई कर रहे हैं। दरअसल म्युचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर निवेशक और योजना के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाते हैं, इसीलिए इस व्यवसाय में कुशलता के साथ ही विश्वसनीयता की भी दरकार होती है।
NISM परीक्षा पास करना होगा:
यदि आप म्युचुअल फंड वितरक बनना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले आपको NISM (National Institute of Securities Markets) की परीक्षा पास करनी होगी। NISM की स्थापना 2006 में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने की थी। NISM परीक्षा के उम्मीदवार को परीक्षा में 50% अंक प्राप्त करना अनिवार्य होता है। NISM सिरीज़ V-A म्युचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर्स सर्टिफिकेशन परीक्षा में 100 प्रश्न आते हैं, प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का होता है।
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AMFI में पंजीकरण:
AMFI में रजिस्ट्रेशन कराने के बाद डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा बेची जाने वाली म्युचुअल फंड योजनाओं की मात्रा के आधार पर कमीशन का भुगतान किया जाता है। साथ ही डिस्ट्रीब्यूटर एएमसी अथवा फंड हाउस के साथ पार्टनरशिप करके भी म्युचुअल फंड स्कीम की खरीद फरोख्त कर सकते हैं।
ARN नंबर के लिए आवेदन:
म्युचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूशन का काम करने वाले व्यक्ति या संस्था को AMFI के साथ ही ARN नंबर के लिए आवेदन करके पंजीकरण करवाना होता है जिसके तहत मांगे गए दस्तावेजों को जमा करना पड़ता है। दरअसल ARN नंबर इसलिए भी महत्वपूर्ण होता हैं, क्योंकि ये डिस्ट्रीब्यूटर की विश्वसनीयता की जांच परख करने का एक माध्यम है और इस तरह यह निवेशकों को सुरक्षा प्रदान करता है। किसी वितरक का ARN नंबर उसके द्वारा किए गए निवेश उस पर कमाए गए कुल कमीशन का ब्यौरेवार रिकॉर्ड रखता है। अतः कोई भी म्युचुअल फंड वितरक या संस्था को इस व्यवसाय को शुरू करने के पहले AMFI के साथ ही ARN नंबर का पंजीयन करा लेना चाहिए।
अब नीचे आप देखेंगे कि सम्पूर्ण म्युचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर बनने के लिए आपको निम्नलिखित प्रक्रियाओं को स्टेप बाई स्टेप पूरा करना होगा-
- सबसे पहले NISM – सीरीज -V-A म्युचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर्स सर्टिफिकेशन परीक्षा क्वालिफाई करना होगा।
- AMFI पंजीकरण के साथ ARN पंजीकरण प्राप्त करें।
- विभिन्न प्रकार के म्युचुअल फंड्स के साथ सीधे जुड़ें। इसके अलावा अपनी सुविधानुसार ऑनलाइन म्युचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर प्लेटफॉर्म निवेश से जुड़ सकते हैं।
- एक विशेषज्ञ की तरह अपने क्लाइंट को उसके बजट व परिस्थिति के अनुसार स्कीम प्रदान करने पर फोकस करें।
- अपने व्यवसाय को निरंतर बढ़ाएं।
- अपने ग्राहकों के लिए हमेशा नए नए सॉफ्टवेयर की सहायता लें और उन्हें नई से नई योजना की जानकारी से अवगत कराएं।
म्युचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर को कितना कमीशन मिलता है?
अब ये स्वाभाविक प्रश्न उठता है कि एक म्युचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर को कितना कमीशन मिलता है? तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि डिस्ट्रीब्यूटर का कमीशन उसके प्रकार और संबंधित कंपनी की पॉलिसी पर निर्भर करता है। यद्यपि कुल कमीशन संरचना स्कीम के AUM के 0.05% से 2% तक निर्धारित होता है जो वितरक द्वारा बताए गए AUM स्लैब या मार्केट शेयर के आधार पर भी अलग अलग हो सकती है। पहले म्युचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर दो प्रकार से कमीशन प्राप्त करते थे –
अग्रिम कमीशन व ट्रेल कमीशन। वर्तमान में अग्रिम कमीशन लागू नहीं है।
ट्रेल कमीशन:
इस समय सेबी ने म्युचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर को केवल एक प्रकार से कमीशन देना सुनिश्चित किया है जो कुल AUM का एक प्रतिशत निर्धारित है। इसे ट्रेल कमीशन कहते हैं जिसका भुगतान वितरक के AUM के आधार पर तब तक किया जाता है जब तक उससे संबंधित निवेशक डिस्ट्रीब्यूटर के जरिए म्युचुअल फंड में निवेश करना जारी रखता है।
निष्कर्ष:
उपरोक्त विश्लेषण में आपने देखा कि म्युचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर कैसे बनें , की प्रक्रिया की स्टेप बाई स्टेप जानकारी आपकी सुविधा के अनुसार उपलब्ध कराई गई है। यदि आप इसे भली भांति समझ लेते हैं तो ये आपके म्युचुअल फंड वितरक बनने की राह को आसान बना सकती है.