आज के आलेख में हम आपको Agent kaise bane? एजेंट किसे कहते हैं? उनका काम क्या होता है? तथा एजेंट कितने प्रकार के होते हैं? इन प्रश्नों की विश्लेषणात्मक जानकारी से आपको क्रमवार अवगत कराएंगे।

किसी भी अर्थव्यवस्था में कामकाज के विभिन्न क्षेत्र होते हैं तथा हर क्षेत्र में संबंधित कार्यों के निर्वहन के लिए विशेषज्ञ व अनुभवी लोग होते हैं। अतः ऐसे व्यक्ति या संस्थाएं जब अपने काम को विस्तार देते हैं तो उन्हें ऐसे विशेषज्ञ व कुशल लोगों की जरूरत होती है जो उनकी अनुमति से उनका प्रतिनिधित्व करते हुए दूसरे पक्ष से बातचीत करते हैं और उनके कार्यक्षेत्र को आगे बढ़ाने में सहायक भूमिका अदा करते हैं । कानूनी शब्दावली में ऐसे व्यक्ति को एजेंट कहा जाता है।
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Agent किसे कहते हैं?
कहां और किस तरह से काम करते हैं एजेंट?
एजेंट: मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं-
सार्वजनिक या यूनीवर्सल एजेंट:
सामान्य एजेंट:
विशेष एजेंट:
Agent किसे कहते हैं?
कानूनी भाषा के अनुसार एजेंट वह व्यक्ति होता है जिसे किसी व्यक्ति या संस्था की ओर से संबंधित कार्य निष्पादन के लिए आधिकारिक तौर पर नियुक्त किया जाता है और वह उसके लिए प्रभावी ढंग से काम करता है। दूसरे शब्दों में एजेंट किसी डील में अपने क्लाइंट का प्रतिनिधित्व करने के लिए अधिकृत किए जाते हैं। इस प्रकार एजेंट अपने नियोक्ता के लिए प्रबंधन का काम करते हैं जैसे घर बिकवाना, वसीयत तैयार करना, खेल करियर से संबंधित प्रबंधन , अभिनय करियर का प्रबंधन तथा किसी के लिए व्यवसायिक प्रतिनिधि के रूप में काम करना।
Agent kaise bane? किस तरह से काम करते हैं?
अधिवक्ता या स्टॉकब्रोकर अपने प्रतिनिधि के रूप में एजेंट नियुक्त करते हैं। कुछ लोग संसाधन होते हुए भी समय या जानकारी के अभाव में अपने लिए एजेंट नियुक्त करते हैं। एक सार्वभौमिक एजेंट के पास विशेष या सामान्य एजेंट की अपेक्षा व्यापक अधिकार होते हैं। जबकि विशेष एजेंट सीमित कार्य योजना के लिए अधिकृत होता है। शारीरिक या मानसिक रूप से असमर्थ क्लाइंट के लिए नियुक्त किए गए एजेंट एजेंसी By Assessment के रूप में काम करते हैं। ज्यादातर एजेंट संबंधित राज्य अथारिटी से पंजीकृत व लाइसेंसधारी होते हैं।
एजेंट: मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं-
वैसे तो एजेंट के काम का दायरा बहुत विस्तृत होता है और वो परिस्थितियों व जरूरत के हिसाब से अपने काम को अंजाम देते हैं। पर एजेंट की मूल भूमिका को देखते हुए सामान्य रूप से उनकी तीन प्रकार की कैटेगरी मानी जाती हैं-
सार्वजनिक या यूनीवर्सल एजेंट: (Public or Universal Agent)
यूनीवर्सल एजेंट को अपने क्लाइंट की ओर से व्यापक अधिकार मिले होते हैं। इस प्रकार के एजेंट अपने क्लाइंट की ओर से पॉवर ऑफ अटॉर्नी से अधिकृत होते हैं। अतः वो अपने ग्राहक की कानूनी कार्रवाई का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये एजेंट वित्तीय लेन-देन के लिए भी अधिकृत होते हैं।
सामान्य एजेंट: (General Agent)
सामान्य एजेंट वो होता है जो किसी निश्चित समय और विशेष कार्य के निष्पादन के लिए नियुक्त किया जाता है। इस तरह के एजेंट के पास संबंधित कार्य का व्यापक अधिकार होता है। लेकिन ये अधिकार उसी कार्य क्षेत्र तक सीमित रहता है जिसके लिए उसे नियुक्त किया गया है। उदाहरण के लिए किसी फिल्म अभिनेता के लिए काम करने वाला एजेंट उसके प्रमोशन के लिए काम करता है लेकिन उसके जीवन के दूसरे कार्य उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आते।
विशेष एजेंट: (Exclusive Agent)
विशेष एजेंट एक निश्चित अवधि व छोटे बड़े कई लेन देन संबंधी कार्यों के लिए अधिकृत होता है। इस तरह के एजेंट से लोग समय व जरूरत के हिसाब से सम्पर्क करते हैं। इस श्रेणी में रियल एस्टेट एजेंट, बीमा एजेंट, ट्रैवल एजेंट व सिक्योरिटी एजेंट आते हैं।
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निष्कर्ष:
इस प्रकार हम देखते हैं कि Agent kaise bane? भूमिका एक विशेषज्ञ बिचौलिए की होती है जो अनुबंधों के अनुसार काम करते हैं। जैसे स्टॉक ब्रोकर ग्राहकों और शेयर बाजार के बीच बिचौलिए का काम करता है। इसी तरह अभिनेता व खिलाड़ी अनुबंधों पर बातचीत करने के लिए एजेंट नियुक्त करते हैं। एक विशेषज्ञ एजेंट की भूमिका किसी अनुबंध या प्रमोशन को सुनिश्चित करने में बहुत महत्वपूर्ण होती है तथा अपने कार्य के एवज में वो अच्छी खासी कमाई भी कर लेते हैं।