इस लेख में जानेंगे parmanu urja kya hai? और इससे संबंधित संपूर्ण वह जानकारी जो सभी को जानी जरूरी है. Nuclear Energy को बारीकी से समझने के लिए सबसे पहले परमाणु के बारे में जानना होगा, परमाणु क्या है? या किसी से मिलकर बना होता है इन सारे तथ्यों पर बात करना अत्यंत आवश्यक है |
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परमाणु क्या है?
Nuclear Energy अर्थ सूचना गोलाकार विद्युत उदासीन कण है| जो दो भागों द्वारा बना होता है| पहला धनावेशित नाभिक तथा दूसरा नाभिक के बाहर का विशाल क्षेत्र जिसमें इलेक्ट्रॉन रहते हैं | परमाणु का धनावेश[+] लगभग समस्त द्रव्यमान प्रमाण के केंद्र में एक अर्थ सूचना भाग में संचित रहते हैं, जिसे परमाणु का नाभिक कहते हैं | परमाणु में इलेक्ट्रॉन धनावेशित नाभिक के चारों ओर अपेक्षाकृत अधिक दूरी पर विद्यमान कक्षाओं में घूमते रहते हैं | इलेक्ट्रॉन की संख्या परमाणु नाभिक पर स्थित धनावेश के यूनिटों की संख्या के बराबर होते हैं, इसीलिए परमाणु विद्युत उदासीन होता है.
परमाणु संरचना
सबसे पहले कुछ वैज्ञानिकों ने परमाणु के बारे में अपनी व्याख्या प्रस्तुत की उनके अनुसार परमाणु द्रव्य के संरचनात्मक भाग होते हैं| परमाणु को विभाजित नहीं किया जा सकता जिसका अर्थ है ना काटे जाने वाला अविभाज्य द्रव्य सबसे पहले इलेक्ट्रॉन की खोज और पुनः कैथोड किरणो के बारे में जानकारी प्राप्त की गई और धीरे-धीरे अलग-अलग वैज्ञानिक प्रमाण संरचना के बारे में अलग-अलग प्रमाण मॉडल प्रस्तुत किया, जिसमें सर्वप्रथम परमाणु मॉडल जे जे थॉमसन ने 1898 ईस्वी में प्रस्तुत किया इस तरबूज परमाणु मॉडल भी कहा जाता है जिसे अब तरबूज का मॉडल भी कहा जाता है |
परमाणु ऊर्जा क्या है?
इसे समझने के लिए हमें न्यूट्रॉन प्रोटॉन तथा नाभिक के बारे में जानना अत्यंत आवश्यक है. क्योंकि परमाणु प्रोटॉन, न्यूट्रॉन से मिलकर बना होता है, तथा इसके नाभिक में न्यूट्रॉन और प्रोटॉन उपस्थित होता है, इसके बाहरी स्थिति में इलेक्ट्रॉन इसके चारों तरफ चक्कर लगाते रहते हैं | प्रोटॉन (+) आवेशित तथा इलेक्ट्रॉन (-) आवेशित होता है और Neutron Free होता है | अब बात आती है परमाणु ऊर्जा का निर्माण कैसे होता है? परमाणु ऊर्जा का निर्माण दो घटनाओं में होता है जब नाभिक का विखंडन होता है,और दूसरा जब इसका संलयन होता है, तब भी परमाणु ऊर्जा का निर्माण होता है. अब बारीकी से समझने के लिए पहले नाभिकीय विखंडन और नाभिकीय संलयन के बारे में जानना अत्यंत महत्वपूर्ण होगा |
परमाणु का नाभिकीय विखंडन
Nuclear Energy के बारे में अगर बात करेंगे तो नाभिकीय विखंडन और नाभिकीय संलयन का बात ना किया जाए यह हो ही नहीं सकता | नाभिकीय विखंडन की घटना के बारे में बताने से पहले मैं आपको इसके मूलभूत जानकारी प्रदान करना चाहता हूं. नाभिकीय विखंडन वह प्रक्रिया है जो प्रमाण के नाभिक में घटित होती है | जिसमें किसी परमाणु का नाभिक दो या दो से अधिक छोटे-छोटे नाभिकों में विभाजित हो जाता है तथा वहां से ऊर्जा उत्पन्न होती है | जिसे नाभिकीय विखंडन कहते है| जब किसी तत्व के परमाणुओं पर न्यूट्रॉन की बमबारी की जाती है, तो साधारणता: परमाणुओं के नाभिक का कृत्रिम विघटन होकर, उनसेअल्फा कण, बीटा कण, प्रोटॉन इत्यादि उत्सर्जित होते हैं, और अलग-अलग नाभिकों में बट जाते हैं इसी घटना को परमाणु का नाभिकीय विखंडन कहते है.
परमाणु का नाभिकीय संलयन क्या है?
जब दो या दो से अधिक हल्के परमाणु नाभिक पर गति करते हुए परम परंपरागत से परस्पर एक दूसरे से मिलकर संयुक्त होकर एक भारी नाभिक का निर्माण करते हैं, तो इस प्रक्रिया को नाभिकीय संलयन कहते हैं | नाभिकीय संलयन व्यवहार में एक अत्यंत कठिन प्रक्रिया है.
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परमाणु ऊर्जा क्यों है? इतना खतरनाक!
यह खतरनाक क्यों होता है? तो मैं आपको यह बताता हूं कि नाभिकीय ऊर्जा का निर्माण नाभिकीय विखंडन या नाभिकीय संलयन के कारण होता है| परमाणु बम विस्फोट में नाभिकीय विखंडन का महत्वपूर्ण योगदान रहता है. और नाभिकीय संलयन परमाणु बम विस्फोट की कार्यविधि पर कार्य करता हैं. परमाणु बम में विस्फोट परमाणु के विखंडन के समय उनके चारों ओर वातावरण में प्राप्त होती है| इसके अलावा हाइड्रोजन बम भी नाभिकीय संलयन बम है| इसके अलावा बहुत सारे Pressure उच्च दाब, ताप, वाली घटनाएं जो वातावरण में खतरनाक स्थिति पैदा करती हैं| इसीलिए परमाणु ऊर्जा इतना खतरनाक होता है|
निष्कर्ष:
ऊपर दी गई जानकारी parmanu urja kya hai? और इससे संबंधित वह सभी जानकारी हमने जाना जो की महत्वपूर्ण था. अगर इस लेख से संबंधित आपका कोई प्रश्न या सुझाव है कमेंट बॉक्स के माध्यम से अवश्य पूछे धन्यवाद।